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IHGF दिल्ली मेले के 49वें संस्करण का हुआ समापन, पहले हस्तशिल्प वर्चुअल ट्रेड फेयर के तौर पर मिली मान्यता
नई दिल्ली। इतिहास में पहली बार वर्चुअल मोड पर आयोजित आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण (49th edition of the IHGF Delhi fair) का समापन हो गया। कोविड वैश्विक महामारी (Covid Global Pandemic) की वजह से वास्तविक मेले का आयोजन इस साल संभव नहीं हो सका। इसके बावजूद भी वर्चुअल मोड पर आयोजित किए गए इस मेले देश के कोने-कोने के 1300 से ज्यादा निर्माताओं और निर्यातकों ने हिस्सा लिया। ईपीसीएच (EPCH) के चेयरमैन रवि के पासी ने मेले के समापन के मौके पर बताया कि गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने 25 वर्चुअल हालों में फैले आईएचजीएफजीएफ दिल्ली मेले के 49 वें संस्करण को पहले हस्तशिल्प वर्चुअल ट्रेड फेयर के तौर पर प्रमाणित किया है।
320 करोड़ रुपए मूल्य की सीरियस बिजनेस इनक्वायरी होने की उम्मीद
इस मौके पर ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि 108 देशों के करीब 4150 ओवरसीज बायर्स, बाइंग एजेंट्स, डोमेस्टिक रिटेल वाल्यूम खरीदारों ने इस वर्चुअल मेले में हिस्सा लिया और अपनी घरेलू उत्पादों, होम डेकोर, लाइफ स्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल की चीजों को खरीदने की इन्क्वायरी की। ईपीसीएच द्वारा 13 से 19 जुलाई 2020 तक आयोजित इस मेले के दौरान 320 करोड़ रुपए मूल्य की सीरियस बिजनेस इनक्वायरी होने की उम्मीद है। दुनिया के कई क्षेत्रों से यानी यूरोप (1050), उत्तरी अमरीका (750), आसियान क्षेत्र (525), एशिया (350), दक्षिणी अमरीका (255), खाड़ी देशों (250) और अफ्रीका (202) ओवरसीज बायर्स ने मेले में हिस्सा लिया। इसके अलावा दुनिया भर की कंपनियों और डिपार्टमेंटल स्टोर्स ने भी बड़ी संख्या में आयोजन में शिरकत की।
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भारत के प्रमुख ब्रान्ड्स ने भी दिखाई रुचि
इसके अलावा भारत के प्रमुख रिटेल और ऑनलाइन ब्रान्ड्स ने भी इस आयोजन में बहुत रुचि दिखाई और इस वर्चुअल प्लैटफार्म से अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए शिरकत की। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि आईजीएचएफ दिल्ली मेले में हिस्सा लेने वाले हस्तशिल्प निर्यात समुदाय के लिए हर तरह से फायदे की बात रही है। वर्चुअल मोड पर आयोजित इस मेले ने समुदाय को राहत दी है क्योंकि मार्च 2020 के बाद से ही निर्यातक लगातार हो रहे लॉकडाउन और कारीगरों द्वारा अपने घरों को हो पलायन की वजह से बेसहारा महसूस कर रहे थे। उनके लिए अपनी खर्च की हुई फिक्स्ड कॉस्ट यानी लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो रहा था। ईपीसीएच द्वारा निर्मित इस वर्चुअल प्लेटफार्म ने इन निर्यातकों को एक अवसर दिया है जिससे वे अपने व्यवसाय को अपने घर या फैक्ट्रियों से ही एक सुरक्षित वातावरण में करके फिर से जीवित कर सकेंगे।