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बीमारियों से रखनी है दूरी तो बार-बार पीते रहिए पानी
जब शरीर में पानी की कमी होती है तो कोशिकाएं हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) को एक संकेत भेजती हैं, जो वैसोप्रेसिन नाम का हार्मोन निकालती हैं। इसे एंटीडायरेक्टिक (Antidirectorate) हार्मोन एडीएच (ADH) के नाम से भी जाना जाता है. यह हार्मोन किडनी को खून से कम पानी निकालने का संकेत देता है, जिससे पेशाब कम, गाढ़ा और गहरे रंग का निकलता है. किडनी खून के प्रमुख फिल्टर हैं और पर्याप्त तरल पदार्थ के बिना वो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाते हैं। अमेरिकी डॉक्टर का कहना है, ‘आश्चर्यजनक रूप से, आपकी किडनी एक दिन में 55 गैलन तक तरल पदार्थ ले जाने में सक्षम है।’
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, डिहाइड्रेशन (Dehydration) की गंभीर स्थिति की वजह से हाइपोवॉल्मिक शॉक जैसी इमरजेंसी हालत भी आ सकती है. जहां खून में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने लगती है और खून की कमी की वजह से ये पूरे शरीर में नहीं फैल पाता है जिससे कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसकी वजह से सिर दर्द, चक्कर, आखों पर दबाव, सेक्स ड्राइव में कमी या फिर नींद ना आने जैसी समस्या हो सकती है। पाचन तंत्र को सही से काम करने के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत पड़ती है। पानी के जरिए ही शरीर से अपशिष्ट पदार्थ बाहर आते हैं और पाचन तंत्र दुरूस्त रहता है।
यदि आप ज़्यादा समय तक प्यासे रहते हैं तो किडनी को स्वयं ही मेहनत करनी पड़ती है। नेशनल किडनी फाउंडेशन के अनुसार, इस तरीके से किडनी को चोट आ सकती है और आपको किडनी की बीमारी भी हो सकती है। शरीर में पानी की कमी से पथरी होने की शिकायत भी रहती है। एक क्लिनिक के मुताबिक, जो लोग गर्म, शुष्क मौसम में रहते हैं और जिन लोगों को दूसरों की तुलना में बहुत अधिक पसीना आता है, उन लोगों में ये खतरा ज्यादा पाया जाता है।
शरीर को खून बनाने के लिए तरल पदार्थ की जरूरत होती है. जब शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो जाती है तो खून का स्तर भी कम हो जाता है। एक प्रसिद्ध डाइटीशियन कहती हैं, ‘शरीर में उचित ब्लड प्रेशर को बनाए रखने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ की जरूरत होती है।’ शरीर में पानी की कमी की वजह से हाइपोटेंशन (Hypotension) या लो ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है और इसकी वजह से व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।’