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बच्चों के साथ ना बरतें सख्ती वरना हो जाएंगे जिद्दी
Last Updated on October 20, 2020 by
बच्चे जिद्दी और शरारती होते ही हैं और यही उनकी सबसे प्यारी बात भी होती है, लेकिन कई बार बच्चे ज्यादा गलतियां करना शुरू कर देते हैं। गलती सुधारने के लिए मां-बाप कई बार बच्चों के साथ काफी सख्त हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो बहुत ठीक नहीं और आपके बच्चे पर गलत प्रभाव डाल सकता है। विषेशज्ञों के अनुसार ज़्यादा सख़्ती से पेश आने पर बच्चे (Children) गुस्सैल और ज़िद्दी हो जाते हैं जो बाद में आपके लिए कई तरह की मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
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कहते हैं पेरेंट्स (Parents) जैसा व्यवहार और हरकतें करते हैं बच्चे भी उन चीज़ों को सीखने लगते हैं और वैसा ही बर्ताव भी करने लगते हैं। जिन घरों में बच्चों को प्यार और दुलार का माहौल नहीं मिलता ऐसे में उनका आत्मविश्वास कमज़ोर होने लगता है और वे हीन भावना से भी ग्रस्त हो जाते हैं। इतना ही नहीं इन सब बातों का उनके दिमाग पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और कहीं न कहीं वे इस कारण से जीवन में पीछे रह जाते हैं। पेरेंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चे का सही मार्गदर्शन करना चाहिए, साथ ही उन्हें उन चीज़ों को करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनमें उनकी दिलचस्पी हो ताकि उनका आत्मविश्वास बना रहे और वे मज़बूत इरादों के साथ जीवन में आगे की ओर बढ़ें और सफलता हासिल करें।
जब आप अपने बच्चे से ज़रूरत से ज़्यादा सख़्ती से पेश आने लगते हैं तो ऐसे में आपका बच्चा हमेशा डरा हुआ रहता है। वह हर मामूली चीज़ से भी डरने लगता है। वह अपने ही घर में असुरक्षित महसूस करने लगता है। बेहतर होगा आप अपने बच्चे को प्यार से समझाएं और उसे इस बात का भरोसा दिलाएं कि आप उसका भला ही चाहते हैं। साथ ही वह किसी भी परिस्थिति में बेझिझक आपसे मदद मांगने के लिए आ सकता है।
जिन घरों में बच्चों को स्नेह का माहौल नहीं मिलता और हर बात पर उन्हें डांटा-फटकारा जाता है वहां बच्चों के व्यवहार में भी बड़े-बड़े परिवर्तन देखने को मिलते हैं। उनका स्वभाव चिड़चिड़ा, गुस्सैल और ज़िद्दी होने लगता है, साथ ही उनका गुस्सा उनके अंदर ज्वालामुखी बनकर पनपने लगता है जो समय आने पर किसी बड़ी मुसीबत को न्योता दे देता है।
छोटी-छोटी चीज़ों को करने से रोकना भी उनके स्वभाव में परिवर्तन का एक कारण होता है। एक अच्छे माता-पिता का कर्त्तव्य होता है कि वह अपने बच्चों को एक बेहतर और खुशहाल जीवन दे। उन्हें हमेशा अच्छा करने के लिए प्रेरित करें न की उनके अंदर डर की भावना पैदा करके असुरक्षित महसूस कराएं। आप उन्हें अपनी बात प्यार से भी समझा सकते हैं।
जो माता-पिता अपने बच्चे के साथ सख्ती से पेश आते हैं उनके बच्चे के दिमाग पर इसका बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है या यूं कहिये नकारात्मक रूप से बच्चे का दिमाग प्रभावित होता है। ख़ास तौर पर उन बच्चों के लिए घर पर ऐसा माहौल ज़्यादा हानिकारक साबित होता है जिनके कोई भाई-बहन नहीं होते यानी जो अपने माता-पिता की इकलौती संतान होते हैं। यदि आप अपने बच्चे को एक बेहतर भविष्य देना चाहते हैं तो सबसे पहले उसे एक अच्छा इंसान बनाइए। इसके लिए ज़रूरी नहीं कि आप हर छोटी-छोटी बातों पर उन्हें डांट-फटकार ही लगाएं। आप उनसे आराम से और बहुत ही प्यार से पेश आने की कोशिश करें ताकि वे अपनों के बीच सुरक्षित और ख़ुशी का अनुभव करें।