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#Uttarakhand: इंडस्ट्रियों में स्थानीय लोगों को 70% रोजगार देने के लिए कानून बनाएगी सरकार
देहरादून। पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की सरकार (Uttarakhand Government) अपने राज्य के नागरिकों को रोजगार (Employment) के अधिक अवसर देने के उद्देश्य से एक कानून लागू करने की तैयारी में है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) की अध्यक्षता में हुई सेवायोजन एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। सेवायोजन और कौशल विकास मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार इस सिलसिले में नियमावली बनाने का जिम्मा उद्योग विभाग को सौंपा गया है। उन्होंने आगे बताया कि सीएम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस पर सहमति बन गई है। प्रदेश सरकार इसका कानून बनाएगी। विधेयक लाया जाएगा और विधानसभा से पास कराया जाएगा।
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राज्य गठन के पांच साल बाद 25 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन सरकार ने एक शासनादेश जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि राज्य में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में 70 फीसद स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। बावजूद इसके शासनादेश का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। अब प्रदेश सरकार इस सिलसिले में कानून बनाने जा रही है। बता दें कि उद्योगों में 70 फीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने से राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हरियाणा सरकार ने भी प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में राज्य के लोगों को 75 फीसदी आरक्षण देने के बिल को मंजूरी दिला दी है।
चुनावी साल आने वाला है तो सीएम को बेरोजगारों की याद सता रही
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर पलटवार करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं को उद्योगों में 70 फीसद रोजगार देने की बात कहकर सीएम ने एक बार फिर बेरोजगारों के साथ मजाक किया है। कहा कि प्रदेश में बेरोजगारों की स्थिति से कोई भी अछूता नहीं है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि अब चुनावी साल आने वाला है तो सीएम को बेरोजगारों की याद सता रही है। उन्होंने सीएम की घोषणा को महज चुनावी स्टंट करार देते हुए कहा कि अब प्रदेश की जनता बीजेपी के मंसूबे को समझ गई है। कहा कि पिछले 20 सालों में प्रदेश सरकारों ने स्थानीय युवाओं के साथ छलावा किया है। अब चुनाव के नजदीक आते ही सीएम इस पर कानून बनाने के साथ ही विधेयक लाकर पास कराने की बात कर रहे हैं।