-
Advertisement
अर्की की छात्रा अक्षाली गुप्ता ने 10वीं के #Top-10 में बनाई जगह, कुछ इस तरह का है मामला- जानिए
दयाराम कश्यप/सोलन। कई बार पेपर चेकिंग (Paper Checking) में लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ता है। इससे छात्रों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसा ही मामला जिला सोलन (Solan) के उपमंडल अर्की मुख्यालय में एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा अक्षाली गुप्ता के साथ पेश आया। कक्षा 10वीं में पढ़ने वाली छात्रा अक्षाली के पिता शेखर गुप्ता व माता प्रोमिला गुप्ता ने बताया कि मार्च माह में हुए परीक्षा परिणामों को लेकर वह आश्वस्त थी कि उसकी प्रदेश स्तर पर बहुत अच्छी रैंकिंग होगी। परन्तु जैसे ही हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Board of School Education) द्वारा जून 2020 में परिणाम प्रस्तुत किया गया। उसमें अक्षाली गुप्ता को 700 में से 667 अंक प्राप्त दर्शाए गए, तो उनकी बेटी अत्यंत दुखी होकर गुमसुम रहने लगी। परिजनों ने परिणाम में गड़बड़ की शंका होने के कारण से सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड को केवल दो विषय संस्कृत व सामाजिक अध्ययन की उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन पत्र लिखा। बोर्ड द्वारा अगस्त 2020 में पुनर्मूल्यांकन के पश्चात 6 अंक बढ़ा कर 673 अंक देकर परिणाम घोषित कर दिया गया इसके बाद भी अक्षाली गुप्ता को यह स्वीकार्य नहीं था तो परिजनों ने पुनः बेटी का दिल रखने के लिए सूचना के अधिकार (Right to Information) के तहत संस्कृत, सामाजिक अध्ययन व अंग्रेजी (English) विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की छायाप्रतियां मंगवाईं। छायाप्रतियों की जांच के पश्चात पता चला कि उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भारी गड़बड़ है।
कहीं-कहीं पर प्रश्न के सही जवाब को गलत दर्शा कर नंबर काटे गए हैं तो किसी विषय में प्रश्न के सही उत्तर होने के बावजूद भी नंबर नहीं दिए गए हैं। यह देख परिजनों ने इन त्रुटियों के साथ पुनः बोर्ड को छायाप्रतियों व असली उत्तरपुस्तिका का मिलान करने के लिए पत्र लिखा तो बोर्ड के द्वारा अब अक्षाली गुप्ता को 9 अंक बढ़ा कर 682 अंक देकर प्रदेश की टॉप 10 (#Top-10) में सम्मलित घोषित कर दिया गया। जब परिजनों ने बोर्ड से अंग्रेजी विषय की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन करने की बात की तो उन्हें यह कहकर टरका दिया कि आपने केवल दो विषयों के मूल्यांकन का आवेदन किया था वो हो गया अब कुछ नहीं हो सकता है। अक्षाली के पिता शेखर गुप्ता ने प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur), शिक्षा मंत्री, शिक्षा बोर्ड से गुहार लगाई है कि भविष्य में 90 प्रतिशत से अधिक अंकों वाले विद्यार्थियों के पेपरों को एक बार पुनः जांच आवश्य करवाए। साथ ही संबंधित विषय के अध्यापकों से ही सही जांच करवाकर ही परिणाम घोषित किया जाए, ताकि किसी बच्चे के साथ अन्याय ना हो सके।
यह भी पढ़ें: Una में पैरा रेजिमेंट प्रशिक्षण केंद्र की भर्ती रैली 15 से, JBT के भी भरे जाएंगे पद
10 टॉपर बच्चों में स्थान बनाने वाली अक्षाली गुप्ता ने इस सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों सहित परिजनों को दिया है। उन्होंने कहा कि यदि परिजन उनका सहयोग ना करते तो वह यह सफलता हासिल नहीं कर पाती। अक्षाली गुप्ता के पिता शेखर गुप्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि बेटी की इस सफलता से बहुत खुश हैं, लेकिन यदि प्रथम समय ही मूल्यांकन सही ढंग से होता तो उस खुशी का आनंद ही कुछ और होता। उन्होंने प्रदेश के सीएम, शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा बोर्ड से अपील करते हुए कहा कि अंग्रेजी माध्यम के बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं (Answer Sheets) उन्हीं अध्यापकों से जांच करवाएं, जोकि अंग्रेजी माध्यम में ही संबंधित विषयों को पढ़ाते हैं।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group