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केंद्र की टीम का सुझाव- होम आइसोलेट संक्रमितों पर रखी जाए पैनी नजर
Last Updated on November 26, 2020 by Sintu Kumar
मंडी। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक उच्च स्तरीय टीम हिमाचल (Himachal) भेजी है। टीम ने गुरुवार को मंडी में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय टीम ने जिला में कोरोना की स्थिति एवं रोकथाम के उपायों से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार विमर्श किया और इससे जुड़ी चुनौतियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने को लेकर जिला प्रशासन को जरूरी सुझाव दिए। इस टीम में नोडल अधिकारी के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय से डॉ. राजीव गर्ग के अलावा दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डॉ. नीरज कुमार गुप्ता और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रो. बी. धीमान शामिल हैं। गुरुवार को यह टीम नेरचौक पहुंची। टीम ने नेरचौक मेडिकल कालेज (Ner Chowk Medical College) प्रशासन के साथ कोविड से जुड़े विभिन्न विषयों को लेकर बातचीत की। टीम ने यहां कोविड-19 के रोगियों के लिए दी जा रही सुविधाओं की भी रिपोर्ट ली और यहां की समस्याओं को भी जाना।
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होम आइसोलेशन पर रखें पैनी नजर
उच्च स्तरीय टीम (high-level team) के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव गर्ग ने जिला प्रशासन से होम आइसोलेशन में लापरवाही बरतने वाले संक्रमितों पर पैनी नजर रखने को कहा। उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने से संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। इसलिए जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करे कि होम आइसोलेशन में रखे मरीज एवं उनका परिवार कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करें। यह भी देखें कि होम आइसोलेशन को लेकर सारी सुविधाएं घर पर हैं या नहीं। संक्रमित के लिए अलग कमरा व शौचलय इत्यादि की व्यवस्था के बारे में जान कर ही होम आइसोलेशन (Home isolation) की अनुमति दें। सर्दियों में बंद कमरों में लोगों के एकत्र होने पर वेंटिलेशन की कमी और त्यौहार व शादी.ब्याह जैसे आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल की अवहेलना के कारण कोरोना का खतरा और बढ़ गया है। इसे लेकर अधिक सचेत व सावधान रहने की जरूरत है।
आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को दें बढ़ावा
डॉण् राजीव गर्ग ने जिला में आरोग्य सेतु ऐप (Arogya Setu App) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि वे लोगों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने को लेकर जागरूक करें। उन्होंने कहा कि ये कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप लोगों को कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के खतरों से सचेत करने में मदद करता है। इसके लिए ऐप ब्लूटूथ और लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में आरोग्य सेतु ऐप बेहद प्रभावी उपाय है।
जल्द पता लगने से रोग का जल्द ईलाज संभव
बैठक में केंद्रीय टीम के सदस्य डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने प्रशासन को लोगों को कोरोना जांच करवाने के लिए आगे आने को प्रेरित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि कोरोना जांच से रोग का जल्द पता लगने से समय रहते ईलाज संभव हैए जिससे बहुमूल्य जीवन बचाए जा सकते हैं। वहींए प्रो. बी धीमान कोविड 19 से उत्पन्न हालात में लोगों को चिकित्सकीय परामर्श के लिए ई संजीवनी पोर्टल के इस्मेताल के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने जिला में कोरोना को लेकर व्यापक जागरूकता पर जोर दिया।
सुनिश्चित की जा रही पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता : डीसी
डीसी ने पीपीटी प्रेजेंटेशन (Ppt presentation) के जरिए जिला में कोरोना की स्थिति एवं रोकथाम को लेकर उठाए कदमों का ब्यौरा दिया। उन्होंने केंद्रीय टीम को कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने को लेकर जिला प्रशासन की तैयारी और कार्ययोजना से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि जिला में संक्रमितों के ऑक्सीजन लेवल की नियमित जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में हिम सुरक्षा अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत घर घर जाकर कोरोना के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के साथ साथ टीबी, कुष्ठ, मधुमेह और रक्तचाप जैसी बीमारियों के लक्षणों के बारे में भी सूचना एकत्रित की जा रही है। बैठक में सीएमओ डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने जिला में कोरोना से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं और राकथाम को लेकर उठाए गए प्रभावी कदमों की जानकारी दी।