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राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने तोड़े Barricade, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। हरियाणा-पंजाब (Haryana-Punjab) के किसानों के समर्थन में अब बाकी राज्यों के किसान भी इस आंदोलन में कूद गए हैं। आज राजस्थान के एक किसानों के ग्रुप ने राजस्थान-हरियाणा के बॉर्डर शाहजहांपुर में जबरन घुसने की कोशिश की। करीब एक दर्जन टैक्टरों ने हरियाणा पुलिस की बेरिकेटिंग तोड़ते हुए हरियाणा में जबरन प्रवेश कर लिया। दर्जन भर से ज्यादा किसानों के ट्रैक्टर पुलिस की बेरिकेडिंग को तोड़कर दिल्ली की तरफ रवाना हो गए। इस दौरान पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
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A group of #farmers with tractors enter Haryana via Rajasthan-Haryana border in Shahjahanpur. They were stopped by police but the barricades could not stop them. #FarmersProstests #kisanandolan pic.twitter.com/302xWQWF5X
— Utkarsh Singh (@utkarshs88) December 31, 2020
किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान किसानों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की गई। हालांकि किसानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और आंदोलनकारी नहीं रुके। दर्जनभर से ज्यादा ट्रैक्टर शाहजहांपुर बॉर्डर (Shahjahanpur Border) क्रॉस कर दिल्ली की ओर रवाना हो गए। किसान नेताओं का कहना है कि आधिकारिक तौर पर दिल्ली (Delhi) जाने की कोई घोषणा नहीं हुई है। दूसरी ओर, दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर किसान पिछले 36 दिनों से टिके हुए हैं, जहां उन्हें कड़ाके की ठंड और सर्द रातों के साथ-साथ बाकी कई चीजों की समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है, जिनमें से एक नेटवर्क की समस्या भी है। उनके लिए अब सिंधु बॉर्डर पर वाई-फाई की व्यवस्था हो गई है।
Farmers are moving towards Delhi, from Shahjahanpur border, Rajasthan-Haryana border, currently 4 km from Dharuheda #Haryana ! The demand is to repeal #FarmLaws, and bring an Act in parliament assuring Min Support Price of crops to farmers ! #FarmersProtest pic.twitter.com/HU4SXufsl9
— Ramandeep Singh Mann (@ramanmann1974) December 31, 2020
केरल विधानसभा में कृषि बिल के खिलाफ रेजोल्यूशन पास
वहीं, आज केरल में विधानसभा का विशेष सत्र (Special session) बुलाया गया था। इस दौरान सर्वसम्मति से कृषि बिल के खिलाफ रेजोल्यूशन पास किया गया। हालांकि शुरुआत में बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध किया, लेकिन वोटिंग के दौरान उन्होंने विरोध नहीं किया। गौर हो कि सान संगठनों और सरकार के बीच अभी भी पूरी सहमति नहीं बनी है। शुक्रवार को सिंधु बॉर्डर पर 80 किसान संगठनों की बैठक होगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि चार जनवरी को होने वाली सातवें दौर की बैठक में किसानों का एजेंडा क्या होगा। इस बीच 31 दिसंबर को होने वाली ट्रैक्टर मार्च स्थगित हो गई है। किसान एकता मोर्चा ने सूचना जारी करते हुए कहा है कि ट्रैक्टर मार्च स्थगित की गई है, कैंसिल नहीं। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी दो मांगों को मान लिया है। बुधवार की बातचीत अच्छी रही, अब चार जनवरी को अगली वार्ता होगी। शांतिपूर्ण ढंग से किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।