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#Budget2021 : सरकार इन कंपनियों की हिस्सेदारी बेच कमाएगी पौने दो लाख करोड़
नई दिल्ली। केंद्र सरकार पर विपक्ष लगातार सरकारी कंपनियों (Government Companies) को बेचने का आरोप लगाती रहती है। अब नए वित्त वर्ष में भी सरकार ने सरकारी कंपनियों कि हिस्सेदारी (Share) बेच कर पैसे जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस विनिवेश या डिसइनवेस्टमेंट कहते हैं। नए वित्त वर्ष (New Financial Year) में केंद्र सरकार ने पौने दो लाख करोड़ रुपये विनिवेश (Disinvestment) के जरिए जुटाने का टारगेट रखा है। हालांकि केंद्र सरकार का यह टारगेट (Target) पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए कम है। वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार ने विनिवेश के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने टारगेट रखा था।
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FM @nsitharaman announces that government has approved a policy of strategic disinvestment of public sector enterprises that will provide a clear roadmap for disinvestment in all non-strategic and strategic sectors#AatmanirbharBharatKaBudget
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— PIB India (@PIB_India) February 1, 2021
केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने बताया कि बीपीसीएल (BPCL), एअर इंडिया, कॉनकोर और एससीई (SCE) के डिसइनवेस्टमेंट पर जल्द ही बात पक्की हो सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री के मुताबिक एलाईसी का IPO भी अगले वित्त वर्ष में लाने की योजना है। IDBI में सरकार डिसइनवेस्टमेंट करने जा रही है। केंद्र सरकार कुछ CPSE में हिस्सेदारी बेचेगी। इसके लिए शेयर बाजार की तेजी को पहले देखा जाएगा। बीपीसीएल में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच कर करीब 60 हजार करोड़ रुपए कमाएगी। बीपीसीएल में सरकार अपनी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। ये देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल कंपनी है।
एयर इंडिया सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। पहले भी केंद्र सरकार एयर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर चुकी है जो नाकामयाब ही रही। ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में एयर इंडिया को बेचा जा सकेगा। आपको बता दें कि एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज है। सरकार एयर इंडिया की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए भी तैयार है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगले वित्त वर्ष में सरकारी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी का आईपीओ भी लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए सरकार कानून में भी संशोधन करेगी। सरकार एलआईसी में अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी घटाएगी। इसके अलावा सरकार IDBI Bank में भी LIC की 51 फीसदी और सरकार की 47 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। IDBI बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण करने की योजना सरकार ने बनाई है।