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फूलों के शौक़ीन भूमिहीनों के लिए अच्छी खबर, अब घर की छत और दीवारों पर उगा पाएंगे फूल
Last Updated on July 23, 2021 by Sintu Kumar
ऊना। हिमाचल में फूल उगाने के लिए अब भूमि का होना जरूरी नहीं होगा। आपके पास भूमि नहीं है तब भी आप फूलों (Flowers) का शौक पूरा कर सकते हैं। आप घर की छत या दीवारों पर बिना जमीन (Without Land) और मिट्टी के भी फूलों की खेती कर सकते हैं। जी हां जिला ऊना के प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से सब्जी और पशुचारा उगाने के बाद फूलों पर भी इस विधि का ट्रायल किया है जोकि सफल रहा है। ऊना जिला के गांव नंगल सलांगडी के कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान युसूफ खान पिछले लंबे समय से हाइड्रोपोनिक यानि पानी में खेती की तकनीक पर काम कर रहे हैं। युसूफ ने नया प्रयोग करते हुए हाइड्रोपोनिक तकनीक के जरिये ही फूलों की अच्छी पैदावार की है। इससे पहले युसूफ खान ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से खीरा, लैट्यूस, टमाटर, पुदीना, फूल गोभी, ब्रॉकली, स्ट्रॉबेरी और पशुओं के चारे की खेती की थी। दरअसल जिन लोगों के पास खेतीबाड़ी करने के लिए भूमि नहीं है उनके लिए खेतीबाड़ी करने की हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic Technology) एक बहुत ही सफल तकनीक है। इस तकनीक के जरिये घर के अंदर, छत पर या घर की दीवारों पर भी सब्जियों के अलावा फूलों का भी उत्पादन (Production of Flowers) किया जा सकता है।
दरअसल हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम में प्रयोग होने वाले पानी में सभी जरूरी पोषक तत्व मिलाये जाते हैं और एक पंप के माध्यम से वो पानी पाइपों में घूमता रहता है, न्यूट्रेंट मिला यह पानी रूट्स के माध्यम से पौधे को मिलता रहता है। सिस्टम में एक विशेष तरीके से पौधे को हवा भी दी जाती है। इस विधि से खेती करने से किसानों को इसकी खुदाई-रोपाई करने से भी निजात मिलती है। वहीं, उनके परिश्रम व समय की भी बचत होती और पौधों को जमीन से लगने वाली बीमारियां भी नहीं लगती है। प्रगतिशील किसान युसूफ खान ने कहा कि इस विधि द्वारा लोगों को मिटटी और खाद (Soil and Compost) से छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि शुरूआती ट्रायल में उन्होंने गेंदा और विंका किस्मों को लगाया है जिनकी भूमि के मुकाबले अच्छी पैदावार हुई है। उन्होंने कहा कि कमर्शियल तौर पर फ्लोरीकल्चर करने के लिए तो बड़ा प्रोजेक्ट (Project) लगाना पड़ेगा, लेकिन घरों में छोटी खेती के लिए यह तकनीक लाभप्रद है। वहीं बागवानी विभाग के उपनिदेशक अशोक धीमान भी हाइड्रोपोनिक तकनीक को खेतीबाड़ी की एक उन्नत विधि मानते है। अशोक धीमान ने कहा कि जहां पर अच्छी किस्म की मिटटी या भूमि उपलब्ध नहीं है वहां पर इस तकनीक से सब्जियों और फूलों की खेती कर सकते है।
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