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हिमाचल: IIT में एडमिशन का सपना होगा अब पूरा, विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना शुरू
शिमला। हिमाचल (HImachal) के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने स्वर्ण जयंती विद्यार्थी अनुशिक्षण योजना (Swarna Jayanti Vidyarthi Anushishan Yojana) का शुभारंभ किया। इस योजना का लाभ 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को मिलेगा। इस योजना के तहत छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए तैयार किया जाएगा। खास बात यह है कि ऐसे छात्रों के अभिभावकों को अतिरिक्त खर्च और कोचिंग सेंटर की फीस नहीं वहन करना होगा।
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मुफ्त कोचिंग की सुविधा
हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्रदेश सरकार नीट और जेईई की मुफ्त कोचिंग देगी। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के हर विद्यार्थी के लिए यह कोचिंग दी जाएगी। शिक्षक दिवस के मौके पर राज्यपाल ने इस योजना का शुभारंभ किया। इस योजना को स्वर्ण जयंती अनुशिक्षण योजना नाम दिया गया है।
दो चरणों में होगी पढ़ाई
यह योजना दो चरणों में चलेगी। शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तैयार किए गए कार्यक्रम हर घर पाठशाला के माध्यम से ही कोचिंग दी जाएगी। शनिवार और रविवार हफ्ते में दो दिन इस ट्रेनिंग में भाग लेना हर छात्र के लिए अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग का स्टेट रिसोर्स ग्रुप इसके लिए वीडियो तैयार करेगा। वहीं, इसके लिए गैर सरकारी संस्था की भी मदद ली जाएगी। मालूम हो कि सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) ने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी।
सभी पहलुओं को किया जाएगा टच
शिक्षा विभाग के मुताबिक कक्षा 9-11वीं तक के हर छात्र के लिए नीट और जेईई की कोचिंग अनिवार्य होगी। इसमें उन्हें बेसिक चीजों के बारे में बताया जाएगा। पहले चरण में विज्ञान और गणित की कोचिंग दी जाएगी। नीट में किस तरह के प्रश्न आते हैं, जेईई का पेपर कैसा होता है। इसकी तैयारी के लिए कौन सी किताबें पढ़नी चाहिएं, इसमें सिलेबस कैसा होता है। इन सब की जानकारी दी जाएगी। 11वीं पास करने के बाद जब बच्चे जमा दो में पहुंच जाएंगे तब उनका टेस्ट लिया जाएगा। इस टेस्ट को उत्तीर्ण करने वाले 10 फीसद छात्रों का चयन फाइनल कोचिंग के लिए किया जाएगा, इसमें छात्रों की रुचि भी देखी जाएगी।
स्कूली शिक्षकों की भूमिका रहेगी अहम
स्कूल शिक्षकों की भूमिका भी इसमें अहम होगी। बच्चों के सवालों के जवाब उन्हें ही देने होंगे। विभाग ने शिक्षकों से कहा है कि वह भी इन विषयों को लेकर पूरी तरह अपडेट रहें। राज्य सरकार इस योजना पर पांच करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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