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हिमाचल: ढालपुर मैदान पहुंचे देवता नाग धूमल, अस्थाई शिविर में छिद्रा कर की शुद्धि
कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय देव महाकुंभ में कुल्लू दशहरा उत्सव (Kullu Dussehra festival) में देवी देवताओं की ट्रैफिक को कंट्रोल करने वाले देवता नाग धूमल अपने सैंकड़ो हारियानों के साथ बीती रात ढालपुर मैदान अस्थाई शिविर में पहुंचें। दशहरा उत्सव के दौरान देवता के कारकूनों द्वारा कुछ गड़बड़ी कर देव स्थल को अशुद्ध कर दिया गया था। जिसके बाद देवता ने अस्थाई शिविर में छिद्रा कर अस्थाई शिविर स्थल की शुद्धि की। इस दौरान भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।
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भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने कहा कि देवी-देवताओं की कुछ बातें गुप्त होती हैं। ऐसे में देवता नाग धूमल (Devta Naag Dhumal) अपने देव बिषय से संबधित देवकारज के लिए ढालपुर मैदान में आए हैं। उन्होंने कहा कि देवता ने अपने अस्थाई शिविर में छिद्रा कार विधि विधान के साथ संपन्न किया है। उन्होंने कहा कि देवता ने गुर के माध्यम से कहा है कि बिमारी से कुल्लू (Kullu) को बचाएंगें। उन्होंने कहा कि बिमारी नहीं आई तो काहिका उत्सव ठीक हुआ है, जिससे सुख समृद्धि का आर्शीवाद दिया है। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव में कोई कमी रही है, उससे कोई देवलु नाराज हुए होंगे, जिसके चलते उसके लिए देवता ने अपने ऊपर भार लिया है। ऐसे में घाटी की सुख समृद्धि के लिए देव विधि को संपन्न किया है। उन्होंने कहा कि देवता खुशी से आए हैं और अब अपने देवालय हलाण वापिस लौट रहे हैं।
कमेटी नाग धूमल हलाणा के प्रधान बहादुर सिंह ने कहा कि कुल्लू दशहरा उत्सव से देवता अपने देवालय लौटे थे। जिसके बाद देवता ने कहा कि दशहरा उत्सव में काम अधूरा रहा, जिस कारण वह हारियानों के साथ वापिस कुल्लू लौटे। उन्होंने बताया कि पहले देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में गए और फिर उसके बाद रात को अपने अस्थाई शिविर ढालपुर में आए। उन्होंने कहा कि अस्थाई शिविर में कारी काटी और शुद्धि की गई है। दशहरा उत्सव में देवता के पास जो लोग रखें थे उनकी वजह से कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसके बाद यहां पर देव विधि के साथ छिद्रा शुद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि देवता अब हलाणा के लिए रवाना होगें। प्रधान ने बताया कि 2019 में भी देवता दशहरा उत्सव के बाद आए थे उस वक्त भी यहां पर देव कारज कर छिद्रा किया उन्होंने कहा कि 2019 के बाद देवता अब इस बार फिर आए हैं। देवता ने अस्थाई शिविर की शुद्वि की है और सुख समृद्धि का आर्शीवाद दिया है।
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