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कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का शुक्रवार को भव्य शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक और सांस्कृतिक समागम में हजारों लोग देव.मानस मिलन के गवाह बने। इस दौरान कुल्लू के ढालपुर मैदान में सैंकड़ों देवी-देवताओं सहित भारी जनसैलाब उमड़ा। सैकड़ों वाद्ययंत्रों की देवधुनों और भगवान श्रीराम के जयघोष के बीच शाम पांच बजे अधिष्ठाता देव रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा ढालपुर रथ मैदान से शुरू हुई। भगवान रघुनाथ के रथ को सभी धर्मों के लोगों ने खींचकर रथ मैदान से उनके अस्थायी शिविर ढालपुर मैदान में पहुंचाया। इस दौरान पूरा क्षेत्र देव ध्वनि से गूंज उठा। सात दिनों तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा महोत्सव के दौरान रथयात्रा में मुख्य अतिथि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए। बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने भी भव्य देव मिलन का नजारा देखा।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का विधिवत आगाज होने से पूर्व भगवान रघुनाथ के सुल्तानपुर स्थित मंदिर में देवी-देवताओं का आगमन शुरू हो गया है। माता हडिंबा अपने हरियाणा के साथ रघुनाथ के दरबार पहुंच गई है और इसके साथ ही जिला भर से आने वाली देवी देवता भी रघुनाथ के दरबार में बारी-बारी हाजिरी भर रहे हैं। उसके बाद करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ अपनी पालकी में सवार होकर ढालपुर स्थित रथ मैदान पहुंचेंगे और यहां से रथ में सवार होकर अपने अस्थाई शिविर तक रथ यात्रा के साथ पहुंचेंगे। जहां पर वे अगले 7 दिनों तक अस्थाई शिविर में रहेंगे।
बहरहाल राज परिवार की दादी माता हडिम्बा रघुनाथपुर के मंदिर में पहुंच गई है। इसके अलावा सुबह से भगवान रघुनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया है। पूजा अर्चना पूरी होने के बाद ही यहां से भगवान रघुनाथ ढालपुर की ओर हरियानों के साथ रवाना होंगे। महेश्वर सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते दशहरा उत्सव के दौरान व्यापारिक और सांस्कृतिक गतिविधियां नहीं हो पा रही है।
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