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भारतीय महिलाओं के बालों की विदेशों में है खूब डिमांड, जानिए इसके पीछे का राज
नई दिल्ली। दुनियाभर में अलग-अलग तरह के व्यापार किए जाते हैं। वहीं, भारत समेत कई बड़े देशों में बालों का व्यापार किया जाता है। भारत में बालों का बिजनेस आजादी के पहले से चला आ रहा है। भारत में करोड़ों रूपये का बालों का कारोबार किया जाता है। भारतीय महिलाओं के बालों को काफी पसंद किया जाता है। भारतीय महिलाओं के बालों की कीमत काफी ज्यादा होती है।
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भारत से बाल चीन, मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, बर्मा जैसे बड़े देशों में भेजे जाते हैं। भारत में मंदिरों में दान किए गए बालों को बेचा जाता है। बालों के बिजनेस में बालों का काफी बड़ा हिस्सा मंदिरों से मिलता है। मंदिरों से बाल फैक्ट्री लाए जाते हैं और फिर सबसे पहले इन्हें सुलझाया जाता है। इसके बाद इनके बंडल बनाए जाते हैं और फिर इनको धोकर सुखाया जाता है। इसके बाद इन बंडल को विदेशों में बेचा जाता है और इनसे विग बनाई जाती है, जिन्हें कई रईस लोग महंगे दाम में खरीदते हैं।
बालों की कीमत बालों के साइज और क्वालिटी पर निर्भर करती है। नॉन कैमेकिल वाले बालों की कीमत ज्यादा होती है, इसमें औसत तौर पर सात से आठ हजार रूपये किलो के हिसाब से बाल बेचे जाते हैं, लेकिन कई लंबे बालों को 25 हजार रूपये प्रति किलो के हिसाब से भी बेच दिया जाता है। माना जाता है कि दुनियाभर में बालों का 22 हजार 500 करोड़ का कुल कारोबार है और हर साल यह बढ़ता जा रहा है।
वहीं, विदेश में बालों को बेचने का एक बिजनेस सेक्टर है। विदेश में सिर के एक किलो बाल महंगे भाव में बिकते हैं। विदेश में बाल बेचने का व्यापार साल 1840 से शुरू हुआ था। उस समय फ्रांस के कंट्री फेयर में बाल खरीदे जाते थे और कई मेलों में लड़कियां अपने बाल नीलाम भी करती थीं। जिसके बाद ये बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ने लगा और फ्रांस, यूरोप समेत कई अन्य देशों की लड़कियों ने बाल बेचना शुरू कर दिए।
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