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ऊंची बिल्डिंग में कभी नहीं होता है 13 वां फ्लोर, यहां जानिए कारण
हमारे देश में कई ऊंची इमारतें बनी हुई हैं, जो कि देखने में बेहद खूबसूरत लगती हैं। वहीं, पश्चिमी देशों की ऊंची-ऊंची इमारतों में एक बात बेहद हैरान कर देने वाली होती है। दरअसल, वहां इन इमारतों में 12वीं मंजिल के बाद 13वीं मंजिल नहीं होती। यानी 12वीं मंजिल के बाद सीधे 14वीं मंजिल होती है। हालांकि, ये एक अंधविश्वास है और इस कॉन्सेप्ट का हमारे देश में कोई लेना देना है, लेकिन अब भारत में भी ये कॉन्सेप्ट फॉलो किया जाने लगा है।
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बता दें कि ज्यादातर बिल्डर्स भी जानते हैं कि लोग 13 नंबर को अपशकुन मानते हैं। इसी के चलते भारत के ज्यादातर अपार्टमेंट्स और बिल्डिंग में 13वां फ्लोर नहीं होता है। बिल्डर्स को ऐसा लोगों के अंधविश्वास के चलते करना पड़ता है। अगर किसी बिल्डिंग में 13वां फ्लोर होता भी है तो वे नॉन-रेजिडेंशियल होता है। 13वें फ्लोर पर एक्टिविटी एरिया बना दिया जाता है। कुछ बिल्डिंग में तो 12वें फ्लोर के बाद 12ए या 12बी नाम रख दिया जाता है।
गौरतलब है कि 13वीं मंजिल का खौफ लोगों को सैकड़ों साल से है। इसके पीछे Friday The 13th से जोड़ा गया है। वहीं, एक 15वीं शताब्दी में जी लियोनार्डो द विंची द्वारा बनाई गई द लास्ट सपर पेंटिंग में दिखाया गया है कि रात के आखिरी खाने में, जिसे लास्ट सपर कहा गया है, उसे 13वें नंबर पर बैठना है था, वो जिसस क्राइस्ट या जूडस। ये दोनों ही सूली पर चढ़ा दिए गए थे। इसी कारण से लोग 13वें नंबर को अनलकी समझते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग 13वें नंबर को इसलिए भी अनलकी समझते हैं कि द लास्ट सपर को 13 तारीख को खाया गया था। जिसके बाद जिसस क्राइस्ट को सूली पर चढ़ा दिया गया था। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि पहले फांसी पर चढ़ाने के दौरान स्टेज तक पहुंचने के लिए कम से कम 13 सीढ़ियों को चढ़ना पड़ता था। इतना ही नहीं 13 अक्षर के नाम वाले लोगों को भी शापित माना जाता था।
बता दें कि कुछ देशों में आज भी ये मान्यता है कि अगर शुक्रवार 13 तारीख को कोई बिजनेस किया जाए तो बहुत नुकसान झेलना पड़ता है। यही सब कारण हैं कि लोगों में 13 नंबर को लेकर अंधविश्वास फैल गया है और लोग 13 नंबर से दूरी बनाने लगे हैं।