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धान और अरहर की बुआई का रकबा घटा, महंगे हो सकते हैं दाल-चावल
आने वाले समय में दाल-चावल भी पहुंच से बाहर होने वाले हैं। इसका कारण है कि इस बार बीते साल की तुलना में अन्य फसलों की अपेक्षा चावल और अरहर की बुआई (Sowing) का रकबा घटा है। धान की बुआई के रकबे में बीते साल की तुलना में कमी देखी गई है। माना जा रहा है कि अब दालों की बुआई भी घट सकती है।
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कृषि मंत्रालय ने बाकायदा इस बाबत आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 15 जुलाई तक धान के रकबे में 17.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इन आंकड़ों के मुताबिक इस बार यूपीए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में अब धान की बुआई में 31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। माना जा रहा कि अब दालों की बुआई के प्रति भी रुझान घट सकता है। वहीं सबसे अधिक बीजी जाने वाली दलहन अरहर का रकबा 26 फीसदी तक घट गया है।
इससे आने वाले समय में चावल (Rice) और दालों के भाव चढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। ज्ञात रहे कि 2021-22 में रबी के सीजन चावल की कुल खरीद 44 लाख टन हुई थी। वहीं 2020-21 में 66 लाख टन और 2019-20 में 80 लाख टन चावल खरीदे गए थे। माना जा रहा है कि इस साल चावल की कुल खरीद 2020-21 के लेवल तक पहुंच जाएगी। यानी कि 135 लाख टन खरीद होने की संभावना जताई जा रही है। बीते साल भी धान का उत्पादन कम ही हुआ था। इस संबंध में ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव का कहना है कि बीते वर्ष चावल के उत्पादन में कमी दर्ज की गई थी।