-
Advertisement
हिमाचलः अब आठ वर्ष का सेवाकाल पूर्ण कर भी पेंशन ले पाएंगे चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी
प्रदेश में अब चतुर्थ श्रेणी (Forth category) के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी आठ वर्ष सेवाकाल पर पेंशन मिलेगी। इसमें नियमित सेवा का 20 प्रतिशत कार्यकाल जुड़ेगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ने पेंशन से जुड़े हिमाचल हाईकोर्ट (High Court) के फैसले को रद्द कर दिया है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का गलत व्याख्यान किया था। जब मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचा तो इसे तुरंत कर दिया गया और सुप्रीम कोर्ट ने प्रार्थी बालो देवी को उसके पति की सेवाओं के बदले पेंशन देने के आदेश जारी कर दिए। वहीं इसके साथ पेंशन का बकाया भी आठ माह में जारी करने के आदेश दिए गए।
यह भी पढ़ें- धूमधाम से हुआ मिंजर मेले का आगाज, निकाली गई भव्य शोभायात्रा
सुप्रीम कोर्ट सुंदर सिंह नामक में पारित किए गए फैसले की व्याख्या की है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि नियमित सेवा संग यदि दैनिक वेतन भोगी की सेवा का 20 प्रतिशत सेवा का समय जोड़कर भी यदि आठ वर्ष पूर्ण हो जाएं तो वह पेंशन लेने का हकदार है। इसे न्यूनतम पेंशन (Pension) हेतु 10 साल के बराबर मान लिया जाएगा। इस फैसले में हाईकोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठों के निर्णय में विरोधाभास उत्पन्न हो गया था। यही कारण रहा कि इस मामले को 3 जजों के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया। इस मामले पर एकल पीठ व एक खंडपीठ ने मत रखा कि यदि रेगुलर सेवा संग दैनिक वेतनभोगी का लाभ देते हुए यदि आठ वर्ष का सेवाकाल पूरा हो जाता है तो इस दशा में वह पेंशन का हक रखेगा।
वहीं सुंदर सिंह (Sundar singh) के फैसले में आठ वर्ष की सेवा की अवधि को दस वर्ष आंकने का जिक्र किया गया है। वहीं दूसरी ओर अन्य खंडपीठ ने मत दिया कि यदि दस वर्ष सेवाकाल पूरे होते हैं तभी सरकारी कर्मी नियमित पेंशन लेने का हक रख सकता है। इस मामले पर हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस माले प्रार्थी का पति सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी में बतौर दिहाड़ीदार था। उसे दस वर्ष बाद एक जनवरी 2000 से रेगुलर किया गया था। छह वर्ष दो महीने की रेगुलर (Regular) सेवा पूर्ण करने के बाद वह रिटायर हो गया था। अतः छह साल दो महीने की रेगुलर सेवा के चलते विभाग ने उसे पेंशन देने से मना कर दिया था। अब उसी पर यह फैसला आया है।
प्रदेश में अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी आठ वर्ष सेवाकाल पर पेंशन मिलेगी। इसमें नियमित सेवा का 20 प्रतिशत कार्यकाल जुड़ेगा।