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श्रीकृष्ण की चोटिल अंगुली पर द्रोपदी ने बांधी थी पट्टी, तभी से मनाया जाता है रक्षाबंधन
रक्षा बंधन का त्यौहार आस्था, पावनता, सुरक्षा, इतिहास और धर्म आस्था से जुड़ा हुआ त्यौहार है। यह त्यौहार (Festiwal) समस्त भारत में मनाया जाता है और इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनको सुरक्षा का वचन देता है। यह कथा राजा-महाराजाओं से भी जुड़ी है तो वहीं श्रीकृष्ण (God shree krishna) और पांडवों (Pandva) की पत्नी द्रोपदी से भी जुड़ी हुई है।
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बताया जाता है कि जब पांडव राजसूय यज्ञ कर रहे थे तो अग्रपूजा के लिए पांडवों ने भगवान श्री कृष्ण को चुना। यह देखकर शिशुपाल गुस्से से भड़क गया और भगवान श्री कृष्ण को अपशब्द कहने लगा। भगवान लंबे समय तक उसके अपशब्दों को सुनते रहे। इस पर आसपास के लोगों ने कहा कि भगवान शिशुपाल बहुत ही अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है और आप शांत हैं। आप उसे कुछ बोलते क्यों नहीं। इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि मैंने शिशुपाल की 100 गलतियां (100 Mistakes) माफ करने का वचन शिशुपाल की माता को दिया था। जैसे ही यह संख्या पूरी हुई तो श्रीकृष्ण ने उसका मस्तक काट दिया। इस दौरान श्रीकृष्ण की अंगुली में चोट भी आ गई थी और इस पर द्रोपदी ने अपने वस्त्र से एक टुकड़ा फाड़कर उनकी अंगुली में पट्टी बांधी थी। तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है।
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