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आवारा कुत्तों को लेकर SC की अहम टिप्पणी, खाना खिलाने वाले उठाएं इलाज का खर्च
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कहना है कि जो लोग आवरा कुत्तों को खाना खिलाते हैं उन्हें इन कुत्तों का टीकाकरण करने के लिए भी जिम्मेदार बनाया जा सकता है। साथ ही साथ अगर ये कुत्ते किसी को काटते हैं तो उस व्यक्ति को ही इनके इलाज का खर्च भी उठाना चाहिए।
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जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि आवरा कुत्तों (Stray Dogs) की समस्या के समाधान के लिए तर्कसंगत समाधान खोजने की जरूरत है। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम में से ज्यादातर लोग कुत्ते प्रेमी हैं। उन्होंने कहा मैं भी कुत्तों का खाना खिलाता हूं। मेरे दिमाग में कुछ आया। लोगों को कुत्तों का ख्याल भी रखना चाहिए, लेकिन उन्हें चिह्नित किया जाना चाहिए। चिप के माध्यम से ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं।
वहीं, पीठ ने कहा कि हमें ये स्वीकार करने की जरूरत है कि आवरा कुत्तों की समस्या है। उन्होंने कहा कि कुत्ते कभी-कभी भूख के कारण आक्रामक हो सकते हैं। इतना ही नहीं भूख की कमी के कारण उन्हें संक्रमण हो सकता है। ऐसे में रेबीज संक्रमित कुत्तों को संबंधित अधिकारियों द्वारा देखभाल केंद्र में रखा जा सकता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आवरा कुत्तों को मारने पर विभिन्न नगर निकायों द्वारा पारित आदेशों से संबंधित मुद्दों पर याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई कर रही है, जो कि खासतौर से मुंबई और केरल में एक खतरा बन गए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को जवाब दाखिल करने के निर्देश जारी किए हैं। अब कोर्ट में इस मामले में अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी।