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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पांच वार्डों के पुनर्सीमांकन संबंधी आदेश किए खारिज
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने नगर निगम शिमला के पांच वार्डों के पुनर्सीमांकन के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए इन वार्डों के पुनर्सीमांकन संबंधी आदेशों को खारिज कर दिया। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने डीसी शिमला (DC Shimla) को आदेश दिए कि वह फिर से याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर पुनर्विचार करे और तथ्यों पर आधारित फैसला ले। । कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि जिलाधीश शिमला ने पुनः सीमांकन के उन आदेशों को फिर से सही ठहरा दिया जिन्हें हाईकोर्ट (High Court) ने पहले ही खारिज कर दिया था।
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कोर्ट ने कहा कि 24 जून को डीसी ने जो आदेश पारित किए वे हाईकोर्ट के 3 जून के आदेशानुसार खारिज किए जा चुके हैं। याचिकाकर्ता सिमी नंदा और राजीव ठाकुर के अनुसार उनके द्वारा उठाये गए विवादों को रद्द करते हुए डीसी शिमला ने नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र फागली व टूटीकंडी में मिलाने व बालूगंज बाजार को बालूगंज वार्ड में न डालने का फैसला सुनाया था। मामलों पर सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने पाया था कि डीसी शिमला ने तथ्यों की गहराई में न जाकर याचिकाकर्ताओं के विवादों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने 3 जून को इन्हीं याचिका कर्ताओं की याचिकाएं स्वीकारते हुए इन वार्डो (Wards) के पुनर्सीमांकन को रद्द कर दिया था और डीसी शिमला को फिर से आपत्तियों पर विस्तृत आदेश पारित करने के आदेश दिए थे। डीसी शिमला ने ऐसा न कर फिर से उन आदेशों को सही ठहरा दिया जिन्हे हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गैरकानूनी पाते हुए खारिज कर दिया था। इस कारण प्रार्थियों को फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
हिमाचल हाईकोर्ट ने कोर्ट के आदेशानुसार डिलिमिटेशन लागू करने के दिए आदेश
नगर निगम शिमला के चुनाव को लेकर की गई डिलिमिटेशन को लेकर हिमाचल हाई कोर्ट ने डीसी शिमला व मंडलाआयुक्त को कोर्ट के आदेश के मुताबिक डिलिमिटेशन लागू करने के आदेश जारी किए है। शिमला नगर निगम वार्डों का डिलिमिटेशन कर संख्या 34 वार्डों से बढाकर 41 वार्ड कर दी गई है। मई माह में पुनर्सीमांकन के खिलाफ दो याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 जून को नगर निगम शिमला के तहत पड़ने वाले नाभा और समरहिल वार्ड के पुनर्सीमांकन को लेकर उपायुक्त की ओर से जारी आदेश को रद्द कर दिया था। नगर निगम शिमला के लिए वार्डबंदी में बदलाव करने के मामले पर प्रशासन को हाईकोर्ट ने गलत ठहराया था। कोर्ट ने नाभा व समरहिल दो वार्डो का दोबारा से डिलिमिटेशन करने के आदेश दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर मतदाता सूचियों की प्रक्रिया जारी कर दी गई। जिसको लेकर कोर्ट ने जबाब तलब किया था। आज कोर्ट के आए आदेशों में डीसी शिमला व मंडलाआयुक्त को हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार डिलिमिटेशन करने के आदेश दिए है। फिलहाल नगर निगम का जिम्मा अब नियुक्त एडमिस्ट्रेटर के पास है।
खेल मैदान में हेलीपैड बनाने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार को भेजा नोटिस
शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने ज्वालामुखी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कथोग के खेल मैदान में हेलीपैड बनाने के विरोध में दर्ज जनहित याचिका में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश ए ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खण्डपीठ ने एक सप्ताह के भीतर शिक्षा सचिव से जबाब तलब किया है। मामले की आगामी सुनवाई 28 सितंबर को निर्धारित की गई है। स्थानीय निवासी धर्म चंद जगरोतरा ने जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा नियमो को ताक पर रखकर ज्वालामुखी उपमंडल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल कथोग के मैदान पर हेलीपैड बनाया जा रहा है। इस तरह का निर्णय लेने से पहले इस बात का ध्यान नही रखा गया कि इससे छात्रों की पढ़ाई पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा बच्चों को खेल का मैदान नहीं बचेगा। इसका विरोध प्रशासन से किया गया लेकिन फिर भी निर्णय बदलने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए। छात्रों के खेल का यह मैदान स्कूल से मात्र 200 मीटर की दूरी पर ही है। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि स्कूल के मैदान पर हेलीपैड न बनाए जाए।
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