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आउटसोर्स आधार पर रखे गए कर्मियों का ब्यौरा दे विश्वविद्यालय: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
Last Updated on September 9, 2022 by Vishal Rana
शिमला। उच्च न्यायालय (High Court) ने प्रदेश विश्वविद्यालय को आदेश जारी किए हैं कि वह हाईकोर्ट के समक्ष उन कर्मियों का ब्यौरा रखे जिन्हें आउटसोर्स के आधार (Outsource Basis) पर लगाया गया है। न्यायालय ने बालकृष्ण द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय से यह भी जानकारी मांगी कि ऐसी कितनी नियुक्तियां हैं जिनके लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है।
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मामले पर सुनवाई 15 सितंबर 2022 को निर्धारित की गई है। प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरने की बजाय आउट सोर्स के आधार पर भरा जा रहा है। प्रार्थी ने यह भी आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय (University) में पिछले दरवाजे से भर्तियां की जा रही है। प्रार्थी ने प्रदेश विश्वविद्यालय के समक्ष रिक्त पड़े पदों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत भरे जाने के निर्देश दिए जाने की न्यायालय से गुहार लगाई है । इसके अलावा आउटसोर्स एजेंसी के साथ विश्वविद्यालय के साथ हुए मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (Memorandum of Understanding) को भी रद्द करने की न्याय की गुहार लगाई गई है। इन सब के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अमल में लाए जाने की भी न्यायालय से गुहार लगाई गई है।