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वर्ष का आखिरी सूर्यग्रहण आज, इस दौरान क्या करें -क्या नहीं यहां पढ़े
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगेगा। भारत में सूतक काल भोर में 4 बजे से शुरू हो गया है। ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर की जगह 26 अक्टूबर और भैया दूज 26 अक्टूबर की जगह 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपोत्सव भी इस साल पांच दिन की जगह 6 दिन तक चलेगा।
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भारत में सूर्य ग्रहण शाम 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा। ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो गया है। ग्रहण को भारत समेत दुनिया के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है। आज सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक समान पटल पर होंगे, जिससे चंद्रमा थोड़े समय के लिए आंशिक रूप से सूर्य को ढक लेगा। इससे चंद्रमा के छाया क्षेत्र में पड़ने वाले क्षेत्रों में आंशिक सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा। देश के पूर्वी भाग को छोड़कर आज का आंशिक सूर्य ग्रहण बाकी सभी जगहों पर दिखाई देगा। यह ग्रहण सूर्यास्त के समय करीब 4 बजे के बाद दिखाई देना आरंभ हो जाएगा। सबसे पहले अमृतसर में करीब 4 बजकर 19 मिनट पर यह सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। कोलकाता में आंशिक सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4 बजकर 52 मिनट पर होगी, जो शाम 5 बजकर 1 मिनट पर अपने सर्वोच्च स्तर पर होगा, लेकिन सूर्यास्त के कारण यह शाम 5 बजकर तीन मिनट के बाद नहीं दिखेगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ कार्य करने की मनाही है। देवी-देवताओं की मूर्ति के साथ ही तुलसी, पीपल और पेड़-पौधों को छूना भी मना है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण में भोजना पकाना और खाना नहीं चाहिए।
ग्रहण में भोजन करने से पहले खाने-पीने के सामान में तुलसी के पत्ते रखने चाहिए। ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और गुरु के नाम का उच्चारण करना चाहिए। वहीं, ग्रहण खत्म होने पर घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
सूतक काल में ना ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं। सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें। सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें और अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखें। सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें।
आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण में दान करना बेहद शुभ होता है। ग्रहण के समाप्त होने के बाद लोग घर की धुलाई करते हैं और गंगाजल का छिड़काव करते हैं। ग्रहण के खत्म होने के बाद स्नान करना चाहिए।