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बाहर निकलने लगा बागियों का गुबार, जेपी नड्डा की शिकायत पीएम तक
कांगड़ा। भले ही बीजेपी (BJP) के लिए दिग्गज स्टार प्रचारक आ रहे हैं और बीजेपी का यशोगान करते हुए हिमाचल के वोटरों को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। इनमें पीएम से लेकर रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, केंद्रीय मंत्री तक का नाम शामिल है। मगर बीजेपी के अंदर ही अंदर जो गुबार फूट रहा है वह अब बाहर भी दिखने लगा है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) हिमाचल के ही रहने वाले हैं इसलिए उनके कंधों पर बड़ी भारी जिम्मेदारी है कि हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह बीजेपी को रिपीट किया जाए। दूसरा वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो उनका दायित्व और भी बढ़ जाता है। यूं कह लो कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में उनके नाक पर बनी है। वह हर संभव प्रयास भी कर रहे हैं। दूसरा वहीं गुजरात का दायित्व भी उनके कंधों पर रहेगा। मगर बीजेपी में टिकट कटने से नाराज बागी अब सरेआम जेपी नड्डा पर अपना गुबार निकालने लगे हैं। यहां तक अब तो उनके खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी से शिकायत भी करने लगे हैं। अब नड्डा कि मैनेजमेंट स्किल्ड पार्टीश् के प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। जिस तरह कृपाल परमार (Kripal Parmar) ने जेपी नड्डा पर जलील करने के आरोप लगाए हैं,उसी तरह का गुबार पार्टी से बागी हुए 21 नेताओं के मन में भी है, जो कभी न कभी फूट सकता है।
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डिक्टेटरशिप इतनी कि हर कार्यकर्ता खुद को महसूस करने लगा है बौना
12 दिसंबर को चुनाव हैं तो यह गुबार भी 12 दिसंबर (12 December) को खुल कर सामने आने की संभावना है। क्योंकि अंदर का जला हुआ, जब भी मौका मिलता है बाहर नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। गुबार निकालें भी क्यों नहीं। जो लोग पांच साल तक बीजेपी की जड़ें मजबूत करने के लिए पसीना बहाते रहे तो ऐन वक्त पर उनको दरकिनार कर दिया गया। उनकी उम्मीदें टूटी हैं तो बीजेपी का वोट बैंक भी तो टूटेगा ही। टिकट कटने पर दस सीटिंग एमएलए की जिस तरह से पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई उससे आदर्शवादी पार्टी में डिक्टेटरशिप चरम पर लग रही है। यदि इस पार्टी में कार्यकर्ताओं की पूछ होती तो 68 विधानसभा सीटों में 20 पर बीजेपी को बगावत का सामना नहीं करना पड़ता। अब तो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम जयराम ठाकुर, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप (CM Jai Ram Thakur, State in-charge Avinash Rai Khanna, State President Suresh Kashyap) , सह प्रभारी सौदान सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के मनाने पर भी बागी नहीं माने। इससे बीजेपी की आंतरिक लड़ाई का आभास होने लगा है। अब आलम यह कि बीजेपी में कार्यकर्ता अब अपने आपको छोटा फील कर रहा है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि पार्टी का मकसद सिर्फ पावर क्रिएट करना है इसके लिए चाहे खरीद-फरोख्त ही क्यों ना करनी पड़े।
कसुम्प्टी से कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह द्वारा मौजूदा सरकार के मुखिया पर लगाए गए इस तरह के आरोप खरीद-फरोख्त की पुष्टि करते हैं। बीजेपी का दूसरी बीजेपी में सब ठीक ठाक होता तो मंडी से प्रवीण शर्मा जैसे जमीन से जुड़े नेता बागी नहीं होते। इसी तरह किन्नौर में तेजवंत नेगी, नूरपूर कृपाल परमार, देहरा में होशियार सिंह, आनी में किशोरी लालए करसोग में युवराज कपूर, बिलासपुर में सुभाष शर्मा, चंबा में इंदिरा ठाकुर, बंजार में हितेश्वर सिंह, बड़सर में संजीव शर्मा और नालागढ़ में केएल ठाकुर जैसे दिग्गज नेता बागी हो गए हैं। इतना ही नहीं नड्डा के घर में ही बगावत होने लगी है। जेपी नड्डा बिलासपुर से ऐसे में पार्टी के तमाम नेता बागी सुभाष शर्मा को नहीं मना पाए। बीजेपी ने यहां सिटिंग एमएलए सुभाष ठाकुर का टिकट काटकर त्रिलोक जमवाल को टिकट दिया है। बीजेपी के लिए इस तरह की गुटबाजी गंभीर मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नड्डा गुट, जयराम गुट और धूमल गुट के नेता दिखावे के लिए एकजुट है। अंदर खाते स्थिति ठीक नहीं है।