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शिमला में प्रॉपर्टी टैक्स में 4% इजाफे का प्रस्ताव, बीजेपी ने जताया ऐतराज
शिमला। शिमला नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स 4% इजाफे (4% increase in property tax by Shimla Municipal Corporation) की तैयारी कर रहा है। इसका प्रस्ताव निगम की शनिवार को यहां मासिक बैठक में रखा गया। बैठक में शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान और शहर के विधायक हरीश जनारथा भी मौजूद रहे। प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने का बीजेपी के पार्षदों ने विरोध किया।
वहीं, सत्तापक्ष के पार्षदों ने तर्क दिया कि यह केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक किया जा रहा है। जैसे-जैसे नगर निगम को फायदा होगा, लोगों को टैक्स में और राहत दी जाएगी। प्रॉपर्टी टैक्स लगाने से अभी नगर निगम 20 से 25 करोड़ मिल रहे हैं। इसके अलावा 15 से 20 करोड़ का फायदा ग्रीन टैक्स (Green Tax) से होगा।
क्या है केंद्र का फॉर्मूला
प्रॉपर्टी टैक्स के आंकलन का केंद्र सरकार का फॉर्मूला जीडीपी (GDP Based Formulae) पर आधारित है। प्रदेश में बीते पांच साल में जीडीपी दर क्या रही, उसकी औसत के हिसाब से ही टैक्स का निर्धारण होता है। यदि जीडीपी दर कम रही तो टैक्स कम बढ़ेगा। केंद्र सरकार ने देशभर के सभी नगर निगमों और नगरीय निकायों को यह फार्मूला लागू करने को कहा है।
कैसे निर्धारित हो रहा है प्रॉपर्टी टैक्स
शिमला नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स का जो नया फार्मूला तैयार किया है, उसके मुताबिक शहर में तीन साल की बजाय अब हर साल टैक्स में इजाफा होगा। नगर निगम शिमला करीब 30 हजार भवन मालिकों से प्रापर्टी टैक्स वसूलता है। यूनिट एरिया मैथड (Unit Area Method) के तहत वसूले जाने वाले इस टैक्स में हर तीन साल बाद 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जानी है। लेकिन जीडीपी दर को देखते हुए टैक्स में 4 फीसदी तक की ही बढ़ोतरी का प्रस्ताव है।
चर्चा के बाद फैसला लेंगे
शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शिमला शहर के विकास को आगे बढ़ाने के प्रतिबद्ध है। शिमला में जो विकास कार्य किए जा रहे हैं, उसके लिए केंद्र को भी कई प्रस्ताव भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम शिमला के सदन ने प्रॉपर्टी टैक्स पर भी चर्चा हुई है। पिछली बैठक में भी यह मामला सामने आया था, जिसे टाल दिया गया था। अब चर्चा के बाद प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने पर फैसला होगा। यदि पार्षद कहेंगे, तो इसमें विशेष सदन भी बुलाया जा सकता है।
सफाई कर्मचारियों का मुद्दा भी उठा
बैठक में सफाई कर्मचारियों का मुद्दा एक बार फिर उछला। भारतीय जनता पार्टी की रुलदुभट्टा से पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि पिछली बैठक में विधायक ने सफाई कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे। मीडिया के माध्यम से पता चला कि इस आरोप के बाद कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दी गई, लेकिन अब हो गई इस बात से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
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