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सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों का बजट बंद, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से पूछा है कि क्या राज्य के सरकारी स्कूलों (Govt Schools) में दिव्यांग छात्रों के लिए बजट स्वीकृत (Budget Approved) किया गया है? यदि नहीं किया गया है तो उसे कब तक स्वीकृत कर जारी किया जाएगा? अदालत ने सरकार से शपथपत्र में जानकारी मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।
केंद्रीय शिक्षा सचिव सहित राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस जारी हुए हैं, जिसका जवाब तीन हफ्ते में देना होगा। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अजय श्रीवास्तव के पत्र पर संज्ञान लिया है। अदालत ने केंद्रिय शिक्षा सचिव, राज्य मुख्य सचिव, प्रधान सचिव शिक्षा सहित सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव और निदेशक को प्रतिवादी बनाया है।
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केंद्र ने किया बजट बंद
पत्र के माध्यम से अदालत को बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के छात्रावास सुविधा वाले सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों (Disable Students) के लिए केंद्र सरकार ने बजट बंद कर दिया है। यह बजट वर्ष 2011 से मुफ्त छात्रावास और पढ़ाई की सुविधा के लिए दिया जा रहा था। राजधानी शिमला के पोर्टमोर कन्या वरिष्ठ माध्यमिक, नाहन, जोगेंद्र नगर और नगरोटा बगवां में करीब 47 दिव्यांग विद्यार्थियों को यह सुविधा मिल रही थी। दलील दी गई कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं को सुविधा मुहैया करवाना और इसे जारी रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। आरोप लगाया गया है कि बजट बंद होने से अभिभावकों को छात्रावास में रहने, खाने-पीने का सारा खर्च वहन करना पड़ेगा।