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क्रिप्टो स्कैम: अभी 80 आरोपी पुलिस के निशाने पर, मुकेश बोले- बख्शेंगे नहीं
शिमला। हिमाचल प्रदेश के क्रिप्टो करेंसी घोटाले (Himachal Crypto Scam) में अभी तक जो सामने आया है, वह सिर्फ ट्रेलर है। पूरी पिक्चर तो बाकी है। इस घोटाले की जांच कर रही पुलिस की SIT ने करीब 2.5 लाख अलग-अलग आईडी वाली फर्जी वेबसाइटों (Fake Websites) का पता लगाया है। इस पूरे जाल के पीछे करीब 80 आरोपी संलिप्त है, जो पुलिस के निशाने पर हैं। यह बात शनिवार को यहां क्रिप्टो घोटाले की जांच की समीक्षा बैठक (Review Meeting) में निकलकर आई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा।
डिप्टी सीएम ने कहा कि लोग फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं से मिले मुआवज़े (Compensation) का पैसा भी क्रिप्टो करेंसी में लगाकर डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार बने। क्रिप्टो करेंसी के झांसे में आकर लोगों के लगभग 500 करोड़ रुपये डूब गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन में प्रमाणिकता के संबंध में अस्पष्टता की पुष्टि की है। अब तक क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी की 300 से अधिक शिकायतें (Complaints) पुलिस को प्राप्त हुई हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ अनियंत्रित जमा योजना पाबंदी विधेयक, 2019 के तहत कार्रवाई की जा रही है। इस अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है।
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अब तक 8.5 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि विभाग ने क्रिप्टो घोटाले में संलिप्त लगभग 2.5 लाख अलग-अलग आईडी वाली वेबसाइटों का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के इस जाल में आरम्भिक स्तर पर 70 से 80 धोखेबाज (Scamsters) शामिल होने का अनुमान है। पुलिस ने धोखेबाजों की धरपकड़ के लिए छापेमारी कर हिमाचल और जीरकपुर में विभिन्न स्थानों पर अब तक 8.5 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। उन्होंने कहा कि इसमें पंजाब पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है और गृह मंत्रालय ने भी हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।