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टैक्स का कोई जेंडर नहीं, फिर भी महिलाओं से वसूला जाता है Pink Tax, ये क्या है बला जानिए
About Pink Tax : नेशनल डेस्क। आज तक आपने केवल इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स और जीएसटी जैसे टैक्स के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपको पिंक टैक्स (Pink Tax) के बारे में कोई जानकारी है? जी हां, पिंक टैक्स जो केवल महिलाओं (Women’s) से वसूला जाता है। पिंक टैक्स कोई आधिकारिक टैक्स नहीं है, जिसे सरकार वसूलती है। दरअसल, इस टैक्स को कंपनियों द्वारा वसूला जाता है और इसका असर केवल महिलाओं की जेब पर पड़ता है। महिलाएं इस टैक्स को चुकाती है लेकिन उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं होती है।
वैसे तो टैक्स का कोई जेंडर (Tax Zender) नहीं होता, चाहे महिलाएं हो या पुरुष दोनों को एक समान टैक्स भरना पड़ता है। लेकिन पिंक टैक्स ऐसा है जिसे जेंडर के हिसाब से वसूला जाता है। हाल ही में बायोकॉन की चीफ किरण मजूमदार-शॉ ने एक वीडियो शेयर कर पिंक टैक्स के बहिष्कार का आह्वान किया था।
क्या होता है पिंक टैक्स ?
न्यूयार्क के एक डिपार्टमेंट ने साल 2015 में एक ही कैटेगरी, साइज और एक जैसी क्वान्टिटी वाले कई प्रोडक्ट की स्टडी की थी। स्टडी के दौरान पाया गया कि जो प्रोडक्ट महिलाओं के लिए बने थे, वो पुरुषों के लिए बनाए गए सामानों से अधिक महंगे हैं। कैटेगरी एक ही लेकिन दाम अलग। महिलाओं की जानकारी के बिना उनसे वसूले जाने वाले इस टैक्स का विरोध (Protest) भी कई दफा हुआ, लेकिन फिर भी यह टैक्स वसूला जाता है।
महिलाओं से कैसे वसूलते हैं टैक्स?
जानकारी के अनुसार, जो प्रोडक्ट्स (Products) महिलाओं के लिए बनाए जाते हैं, जैसे कि मेकअप का सामान, आर्टिफ़िशियल ज्वेलरी, सेनिटरी पैड आदि इन सभी चीजों की कीमत काफी ज्यादा होती है। इनके लिए महिलाओं को प्रोडक्शन कॉस्ट और मार्केटिंग कॉस्ट मिलाने के बाद भी करीब तीन गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। वहीं, जो प्रोडक्टस महिला और पुरुष दोनों इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि परफ्यूम, पेन, बैग, हेयर ऑयल, रेजर और कपड़े आदि, एक ही कंपनी के होने के बावजूद महिलाओं के प्रोडक्ट महंगे होते हैं। अगर आप गौर करेंगे तो आपने देखा होगा कि एक सैलून में पुरुषों की हेयर कटिंग की कीमत और महिलाओं की हेयर कटिंग की कीमत में कितना अंतर होता है। पिंक टैक्स इसी तरीके से वसूल किया जाता है।