शिमला। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा बैठककी अध्यक्षता की। उन्होंने जिला कांगड़ा के लुथान एवं जिला मंडी के सुंदरनगर में बनाए जा रहे मुख्यमंत्रीआदर्श ग्राम सुखाश्रय परिसरों (Chief Minister Adarsh Gram Sukhashray Complexes) को निश्चित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने 132 करोड़ रुपए से 400 आश्रितों के लिए बनाए जा रहे परिसर के कार्य को 20 जुलाई, 2024 से पूर्व आरम्भ करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस परिसर को डेढ़ वर्ष के भीतर तैयार किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
हॉस्टल न मिलने पर मिलेंगे 3000 रुपए प्रतिमाह
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि सुंदरनगर में बनने वाले परिसर का नक्शा व निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाएगा। इन परिसरों में अनाथ बच्चों, विधवाओं, एकल नारियों एवं वृद्धजनों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने इन परिसरों को अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित करने के निर्देश दिए, ताकि सभी आवासियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे अनाथ बच्चों को होस्टल की सुविधा न मिलने पर प्रदेश सरकार किराए के रूप में 3000 रुपये प्रतिमाहप्रदान करेगी। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को अनाथ बच्चों को करियर काउंसलिंग प्रदान करने और इस संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इन बच्चों को व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी।
आंगनबाड़ी में खिचड़ी की जगह ड्राई फ्रूट्स
सीएम सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख शिक्षायोजना के तहत पात्र विधवाओं एवं एकल नारियों के प्रत्येक बच्चे को 27 वर्ष की आयु तक 1000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 18 से 27 वर्ष की आयु के सभी पात्र बच्चों को मुफ्त उच्च शिक्षा की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं को हिमकेयर योजनाके अंतर्गत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिसकी प्रीमियम राशि प्रदेश सरकार देगी। सीएम ने विभाग को इंदिरा गांधी मातृ शिशु संकल्प योजना को सुदृढ़ करने के दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि गर्भवती व स्तनपान करवाने वाली महिलाओं और तीन साल की उम्र तक के बच्चों को पोषण संबंधी सहायता उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में खिचड़ी के बजाय ड्राई फ्रूट देने की संभावनाओं को भी तलाशा जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और अच्छे प्रबंधन के लिए प्री-नर्सरी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को एकीकृत करने पर भी बल दिया।
एकल नारियों को घर निर्माण के लिए तीन लाख
सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विधवाओं तथा एकल नारियों को घर निर्माण के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता को डेढ़ लाख रुपए से बढ़ाकर तीन लाख किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आय सीमा को तीन लाख रुपए प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में आदर्श राज्य स्तरीय नशा निवारण केंद्र बनाया जाएगा। जिसके लिए निविदा प्रक्रिया 20 जुलाई, 2024 तक पूर्ण की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिला सोलन में कंडाघाट क्षेत्र के टिक्करी में लगभग 300 दिव्यांगजनोंको शिक्षा प्रदान करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस निर्मित किया जाएगा। उन्होंने विभाग के डिजिटलीकरण तथा लाभार्थियों को उपयुक्त रूप से सुविधाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने पर बल दिया।