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बचपन में पिता को खोया, हादसे में गंवाया पैर, जानिए कौन है पेरिस पैरालंपिक में सोना जीतने वाले सुमित
Gold Medalist Sumit Antil: भारतीय जेवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल ने पेरिस पैरालंपिक ( Paris Paralympics)में गोल्ड मेडल जीता है । सुमित ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 70.59 मीटर दूर जेवलिन फेंका ऐसा करके उन्होंने पैरालंपिक में दूसरा सबसे लंबी दूरी तक जेवलिन थ्रो (Javelin Throw) करने का रिकॉर्ड बनाया। आइए जानते हैं कि सुमित अंतिल(Sumit Antil) कौन हैं? कैसे वे संघर्ष करते हुए सफलता के शिखर पर पहुंचे?
BREAKING: GOLD medal for India 🔥🔥🔥
Sumit Antil wins Gold medal in Javelin Throw F64 event with New PR of 70.59m.
2nd consecutive Paralympics Gold for Sumit. #Paralympics pic.twitter.com/rbqIRJ4EFj
— India_AllSports (@India_AllSports) September 2, 2024
सोनीपत जिले के खेवरा गांव में हुआ जन्म
सुमित अंतिल का जन्म 7 जून 1988 को हरियाणा के सोनीपत जिले के खेवरा गांव में हुआ । उनके पिता राम कुमार अंतिल इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) में थे, लेकिन सुमित ने 7 साल की उम्र में उन्हें खो दिया। सुमित 3 बहनों के इकलौते भाई थे, लेकिन पिता की मौत के बाद मां के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। उन्होंने दिन रात कड़ी मेहनत करके सुमित और उनकी 3 बहनों को पाला। सुमित पहलवान बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने पिता की तरह इंडियन आर्मी जॉइन (Join Indian Army)करने का फैसला लिया, लेकिन एक हादसे ने उनका सपना तोड़ दिया। 16 साल के सुमित जब 12वीं में पढ़ते थे तो एक दिन उनकी बाइक को सीमेंट के कट्टों से लदी ट्रॉली ने टक्कर मार दी। हादसे में सुमित ने अपनी पैर और आधी टांग खो दी। सुमित की मां ने बेटे को भी हारने नहीं दिया, बल्कि कृत्रिम पैर लगवाकर उसे खेलों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
Golden Glory by Paralympian Sumit!
Congratulations to @sumit_javelin for securing gold in Men's Javelin Throw F64 at #Paralympics2024. Your journey is a true inspiration, showing that with grit and willpower, anything is possible.#Cheer4Bharat pic.twitter.com/mqVCvvWnZK
— MyGovIndia (@mygovindia) September 3, 2024
वर्ल्ड पैरा एथलीट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता
वर्ष 2 017 में उनकी मुलाकात पैरा एथलीट राजकुमार से हुई, जिन्होंने सुमित को जेवलिन थ्रो (Javelin Throw)में करियर बनाने की सलाह दी। सुमित ने नवल सिंह को अपना कोच बनाया और दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रैक्टिस शुरू की। सुमित ने अपनी हिम्मत, मेहनत और जज्बे से कमियों पर काबू पाया और साल 2019 में इटली में वर्ल्ड पैरा एथलीट चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। यहां से उनके पैरालंपिक बनने की शुरुआत हुई। साल 2019 में ही दुबई में वर्ल्ड पैरा एथलीट चैंपियनशिप(World Para Athlete Championships) में भी सिल्वर मेडल जीता। इसके बाद टोक्यो पैरालंपिक में 68.55 मीटर दूर जेवलिन थ्रो करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और गोल्ड मेडल जीता। साल 2022 में 73.29 मीटर दूर भाला फेंकर फिर से नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। अब अब पेरिस पैरालंपिक 2024 में 70.59 मीटर दूर भाला फेंककर अपना टोक्यो पैरालंपिक वाला रिकॉर्ड तोड़कर गोल्ड मेडल जीता।