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वो क्षण सचमुच गौरव का था, जब Kangra को विधानसभा भवन मिला था
Himachal Vidhan Sabha Winter Session At Tapovan:धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के निचले क्षेत्र कहलाने वाले लोगों के लिए वो सचमुच गौरव (Proud Moment) का क्षण था जब धर्मशाला के निकट सिद्धबाड़ी -तपोवन (Tapovan) में 7 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नया विधानसभा भवन 25 दिसंबर 2006 को समर्पित किया गया था। यह भवन विशेष रूप से प्रदेश के निचले क्षेत्रों के लोगों के लिए नए साल का तोहफा माना गया था। मकसद था कि सरकार-विपक्ष यहां आएगा और निचले क्षेत्र के लोग इसका सीधा लाभ उठाएंगे।
साल दर साल शीतकालीन सत्र होता आ रहा
उस वक्त कहा जा रहा था कि सरकार के शीतकालीन प्रवास (Winter Session) के साथ-साथ दूसरी विधानसभा भी यहां होने का लाभ यहां की जनता को मिलेगा। क्योंकि सरकार धर्मशाला में होगी, इससे लोगों को सत्र के दौरान जल्द से जल्द अपनी शिकायतों का निवारण करने का अवसर मिलेगा। खैर इसका कितना लाभ यहां की जनता को मिला वो एक अलग सवाल है। लेकिन उसके बाद से यहां साल दर साल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) का शीतकालीन सत्र होता आ रहा है। इस बार ये सत्र तपोवन में चार दिन के लिए 18 से 21 दिसंबर के बीच होने जा रहा है, जिसमें 200 सवाल गूंजेंगे।
शांता चाहते थे सीयू की कक्षाओं के लिए हो भवन का इस्तेमाल
तपोवन में बने विधानसभा भवन को लेकर कई मर्तबा सवाल उठे हैं कि यहां कुछ ऐसा कर दिया जाए कि सालभर ये भवन खुला रहे। इसमें पूर्व सीएम शांता कुमार (Former CM Shanta Kumar) चाहते थे कि भवन को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कक्षाओं के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि सारा साल यहां पर विधानसभा के शीत सत्र के अलावा, कुछ नहीं होता है। लेकिन बात सिरे नहीं चढी। इसके बाद जब डॉ राजीव बिंदल (Dr. Rajeev Bindal) विधानसभा स्पीकर थे तो उन्होंने इस बात के प्रयास किए थे कि यहां पर राष्ट्र स्तरीय संसदीय अकादमी बने। उसके लिए बात भी चली पर सिरे नहीं चढ़ पाई।
35,000 वर्ग फीट के आसपास है इसका एरिया
तपोवन स्थित इस भवन की आधारशिला 14 फरवरी, 2005 को रखी गई थी। इस भवन का क्षेत्रफल 35,000 वर्ग फीट के आसपास है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष (Gangu Ram Musafir) गंगू राम मुसाफिर, तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की मौजूदगी में दस महीने के रिकॉर्ड समय में निर्मित भवन के पहले चरण का औपचारिक उद्घाटन किया गया था। याद रखना होगा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार विधानसभा सत्र 26 से 29 दिसंबर, 2005 तक प्रदेश की राजधानी शिमला से बाहर धर्मशाला स्थित राजकीय महाविद्यालय के प्रयास भवन (Prayas Bhawan-Government College in Dharamshala) में आयोजित किया गया था। लेकिन इसके अगले ही वर्ष हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 से 29 दिसंबर, 2006 तक नए भवन में आयोजित किया गया।
75 लाख की आबादी और दो विधानसभा
यहां इस बात का उल्लेख किया जाना बेहद जरूरी है कि (Himachal Pradesh) हिमाचल प्रदेश 75 लाख की आबादी वाला छोटा सा पहाड़ी प्रदेश है। बावजूद इसके यहां दो विधानसभा हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर छोटे प्रदेश में दो विधानसभा की जरूरत क्या है। पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में दो विधानसभा के पीछे की वजह सीधे तौर पर राजनीतिक है। पहाड़ी प्रदेश में ऊपरी और निचले हिमाचल की राजनीति (Politics Of Upper And Lower Himachal) देखने को मिलती रही है। हालांकि,अब ये दूरियां पहले की तरह नहीं दिखती अब मसले-मुद्दे कुछ दूसरी तरह के हैं।
-मनोज ठाकुर