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अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव समाप्त: देव आदि ब्रह्मा मंडी शहर को दे गए सुरक्षा कवच, बांधी सुरक्षा कार
उन्होंने राज माघव राय मंदिर में पूजा अर्चना की और फिर देवताओं की अगुवाई में निकली शोभायात्रा में भाग लिया। शोभा यात्रा में प्रमुख देवी देवताओं व उनके देवलुओं ने भाग लिया।
सुरक्षा कवच दे गए देव आदि ब्रह्मा, अंतिम दिन की Mandi शहर की परिक्रमा
शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन चौहाटा बाजार में जात्र (देव समागम) का आयोजन किया गया। सुबह ही सभी देवी-देवताओं के रथों को चौहाटा बाजार में रखा गया
शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन देव कमरुनाग ने दिए दर्शन, आदि ब्रह्मा ने बांधा सुरक्षा कवच
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन उत्तरशाल घाटी के देव आदि ब्रह्मा ने शहर की खुशहाली के लिए पूरे मंडी शहर की परिक्रमा कर सुरक्षा कार बांधी।
आदि ब्रह्मा के गूर ने लगाया रक्षा के लिए सुरक्षा कवच, शिवरात्रि महोत्सव से विदा ले रहे देवी-देवता
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंडी में पहुंचे देवी-देवता मंगलवार को बाबा भूतनाथ के प्रांगण में सजी चौहाटा की जातर के बाद दोपहर तक देवालयों को लौटने लग पड़े। महोत्सव के अंतिम दिन जिलाभर से आए देवी-देवता चौहाटा बाजार में विराजमान हुए।
तप का आचरण करने वाली देवी है मां ब्रह्मचारिणी
पौराणिक कथाओं में मां ब्रह्मचारिणी को महत्वपूर्ण देवी के रूप में माना गया है। मां ब्रह्मचारिणी नाम का अर्थ तपस्या और चारिणी यानि आचरण से है। मां ब्रह्मचारिणी को तप का आचरण करने वाली देवी माना गया है।
आज के दिन मां सरस्वती का हुआ था जन्म, पूरे ब्रह्मांड को मिला था ध्वनि का उपहार
Basant Panchami 2024: आज बसंत पंचमी है। यह त्योहार हर साल माघ माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) को समर्पित है। माता का इस दिन जन्म हुआ था। माता के जन्म के साथ… Continue reading आज के दिन मां सरस्वती का हुआ था जन्म, पूरे ब्रह्मांड को मिला था ध्वनि का उपहार
आज संडे को इन देवी-देवताओं की करे आराधना, मिलेगा विशेष आशीर्वाद
सनातन धर्म (Sanatan Dharma) में हर एक दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता हैं। वैसे ही रविवार का दिन सूर्य देव (Surya Dev) को समर्पित है। रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा की जाती है। सूर्य देव केवल देवता ही नहीं बल्कि नौ ग्रहों के अधिपति भी माने जाते हैं। व्यक्ति पर… Continue reading आज संडे को इन देवी-देवताओं की करे आराधना, मिलेगा विशेष आशीर्वाद
ब्रह्मदेव ने सहस्त्र दिव्य वर्षों तक किया था तप, तब प्रसन्न हुए थे नारायण
ब्रह्मदेव की उत्पत्ति भगवान नारायण के नाभि कमल से हुई थी। ब्रह्मदेव त्रिदेवों में शामिल हैं। पौराणिक कथाओं और शास्त्रों के अनुसार पहले पूरा संसार जल में डूबा हुआ था।
मां बगलामुखी जयंती आजः कैसे करें तंत्र की देवी की पूजा यहां पढ़े
Ma Baglamukhi Jayanti: वैशाख शुक्ल अष्टमी को देवी बगलामुखी का अवतरण हुआ था, जिसे हर साल मां बगलामुखी जयंती के रूप में मनाया जाता है। माता बगलामुखी की साधना और आराधना के लिए यह दिन बेहद शुभ और मंगलकारी माना गया है। दरअसल, हिंदू धर्म में मां बगलामुखी को तंत्र की देवी के रूप में… Continue reading मां बगलामुखी जयंती आजः कैसे करें तंत्र की देवी की पूजा यहां पढ़े
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव: श्रद्धालुओं को दर्शन देने के बाद कमरू घाटी रवाना हुए बडा देव कमरूनाग
बड़ादेव कमरूनाग शिवरात्रि महोत्सव के दौरान मंडी की टारना माता मंदिर में विराजमान रहते हैं। यहां पर वह 7 दिन तक श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं।