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Sindhu border पर एक शख्स ने ट्रक को बना दिया घर, TV से लेकर Toilet तक हर सुविधा मौजूद
Last Updated on January 4, 2021 by Sintu Kumar
जालंधर। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन करते हुए किसानों को 40 से ज्यादा दिन हो गए हैं। ठंड में किसान (Farmer) यहां पर परिवार को साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान पहले से ही जानते थे कि उनको यहां महीने से भी ज्यादा समय गुजारना पड़ सकता है इसलिए वह पहले से ही दिमागी तौर पर तैयार हो कर आए थे। वक्त के साथ किसानों ने अपनी सहूलियत के अनुसार बॉर्डर पर बदलाव करने शुरू कर दिए हैं। किसानों ने वहां पर खेती करना भी शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था की हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है साथ ही जिम, लाइब्रेरी और कम्युनिटी सेंटर तक बनाए गए हैं।
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किसानों ने वहां पर खेती करना भी शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था की हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है। किसानों ने वहां पर खेती करना भी शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था की हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है।किसानों ने वहां पर खेती करना भी शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था की हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है।किसानों ने वहां पर खेती करना भी शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था की हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है।
इसी बीच किसानों के समर्थन में सिंधु बॉर्डर (Sindhu border) पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही अस्थाई घर में बदल दिया है। जालंधर से आए हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंधु बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने 2 दिसंबर से ही बॉर्डर पर लंगर सेवा शुरू कर दी। हरप्रीत अपने परिवार के साथ बॉर्डर आए हुए हैं। हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को ही घर में तब्दील कर दिया। इस काम में उनको दो दिन लगे।
हरप्रीत द्वारा बनाए गए इस अस्थाई घर में हर सुविधा मौजूद है। ट्रक में बाथरूम (Bathroom) से लेकर टीवी तक लगा हुआ है। हरप्रीत ने ट्रक में बाकायदा सोने के लिए बेड और बैठने के लिए सोफा लगाया हुआ है। हरप्रीत सिंह मट्टू ने बताया, “मैं 2 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर आ गया था तभी से किसानों की सेवा में लंगर शुरू करवाया जो कि आज भी चल रहा है। 8 दिसंबर को मैंने अपने ट्रक को अपार्टमेंट में तब्दील कर दिया। इसके लिए मैंने अपने साथियों को फोन किया और साथ ही प्लंबर, बिजली वाला और कारपेंटर को भी बुला लिया। मेरे 12 ट्रक भी यहीं मौजूद है जो किसानों की सेवा में लगे हुए हैं, जिनमें कंबल रजाई की व्यवस्था की हुई है।