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अनोखा रिवाज! संत के आशीर्वाद के लिए दहकती आग में घोड़ों को कुदवा देते हैं इस देश के लोग
हर देश की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं। स्पेन (Spain) का एक अनोखा रिवाज काफी चर्चा में रहता है। इस मान्यता का विचित्र पहलु ये है कि इसमें घोड़ों (Horses) को उनके मालिक धधकती आग में कुदवा देते हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा। इस मान्यता से जुड़ी तस्वीरें भी काफी भयानक होती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, लास ल्युमिनारिएस नाम की ये मान्यता 500 सालों से स्पेन के सैन बार्टोलोम डी पिनारिस (San Bartolomé de Pinaris) गांव में चली आ रही है। \
ऑडिटी सेंट्रेल वेबसाइट की एक रिपोर्ट के लास ल्युमिनारिएस त्योहार की तरह मनाया जाने वाला एक जश्न है जो सेंट एंथोनी (St. Anthony) नाम के एक संत की याद में हर साल 17-18 जनवरी को मनाया जाता है। स्पेन के लोगों का मानना है कि सेंट एंथनी जानवरों के रक्षक थे और उन्हें उनसे बहुत प्यार था। उनका आशीर्वाद जानवरों पर पड़े, इसलिए इस जश्न को मनाया जाता है।
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आशीर्वाद लेने के लिए मनाया जाता है जश्न
जश्न में ड्रम और स्पेनिश बैगपाइप (Spanish Bagpipes) बजाए जाते हैं। फिर पेड़ों की ढेर सारी सूखी टहनियों को जलाकर उसे विशाल आग में तब्दील किया जाता है और इसके बाद घोड़े के मालिक अपने घोड़ों के साथ आग को पार करते हैं। गांव वालों का मानना है कि सेंट एंथनी का आशीर्वाद प्राप्त होने से घोड़े सालभर स्वस्थ रहेंगे और उन्हें किसी भी तरह की बीमारी (Sickness) नहीं होगी। उनका मानना है कि आग से घोड़ा पवित्र हो जाता हैं और बुरी नजरों से बचे रहते हैं।
जानवरों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाते हैं लोग
एनिमल राइट एक्टिविस्ट्स (Animal Rights Activists) इस मान्यता का काफी समय से विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि बेजुबान जानवरों को मौत के मुंह में डालने से कोई लाभ नहीं होता है। ऑब्जर्वेटरी ऑफ जस्टिस एंड एनिमल डिफेंस के एक अधिकारी ने कहा कि ये जश्न जानवरों के साथ अत्याचार है। मगर स्पेन में बुल फाइटिंग (Bull Fighting) और इस त्योहार की तरह अन्य कई ऐसे जश्न मनाए जाते हैं, जिसमें जानवरों के साथ ऐसा सुलूक किया जाता है। ऐसे में लोग एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट्स की भी बात नहीं मानते हैं।
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बड़ा होता जा रहा है आग का आकार
दूसरी ओर नागरिकों का कहना है कि आग से निकलकर आने के बाद जानवरों पर जले का या चोट का एक भी निशान नहीं होता है। आग में जाने से पहले घोड़े की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। कई लोगों का कहना है कि काफी सालों पहले छोटी सी आग जलाई जाती थीए जिसे घोड़े आसानी से लांघ जाते थे। मगर जैसे.जैसे लोग इस जश्न को देखने के लिए और भी ज्यादा संख्या में जुटने लगे। वैसे-वैसे आग का आकार भी बड़ा कर दिया गया।