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आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) हिमाचल में किसके लिए सिरदर्द बन सकती है,क्या आप जानते हैं। नहीं जानते हैं तो आज इसी मसले पर बात कर लेते हैं। हिमाचल में इसी साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव( Vidhansabha) होने हैं। फिलवक्त पड़ोसी राज्य पंजाब( Punjab) में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। पंजाब के नतीजे आते ही हिमाचल में हलचल बड़ जाएगी। पहाड़ी राज्य हिमाचल में 68 सीटों पर जंग लड़ी जानी है। अभी तक इस राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस व बीजेपी में ही होता आया है। अब अगर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी आप पंजाब में अपना असर दिखा जाती है तो हिमाचल(Himachal) में भी वह विधानसभा चुनाव के जरिए एंट्री मारेगी। और अगर ऐसा हुआ तो सबसे बड़ा खतरा कांग्रेस को अपने वोट बैंक को बचाने का होगा।
आम आदमी का असर सीधा-सीधा कांग्रेस( Congress) पर पड़ना है। चूंकि हिमाचल में कुल 68 में से 60 सीटे ऐसी हैं,जहां जीत का अंतर एक से दो हजार रहता है। यहीं पर कांग्रेस के लिए अपने को आम आदमी से बचा पाना सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि,आम आदमी सभी 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी, ऐसे में कांग्रेस को 68 की 68 में बीजेपी से तो लड़ना होगा, साथ ही आप से भी बचना होगा। प्रदेश में हुए उपचुनाव के बाद चारों सीटों पर जीत के बाद से उत्साहित चल रही कांग्रेस इस वक्त आपस में ही भिड़ी हुई है। जिसका असर सीधा-सीधा पार्टी कैडर पर पड़ रहा है। इसके बाद पंजाब के नतीजें क्या रहते हैं,उसका हिमाचल खासकर कांग्रेस पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है। आप का हिमाचल में आने का सीधा-सीधा मतलब यही होगा,कि कांग्रेस जिन्हें टिकट नहीं दे पाएगी वो आप का चेहरा बनकर चुनावी अखाड़े में उतर जाएंगे। ऐसे में कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती हो जाएगी। यानी आम आदमी पार्टी अगर हिमाचल में किसी के लिए नासूर बन सकती है तो वह कांग्रेस ही है।
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