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चंबा में तीसा-बैरागढ़ मार्ग पर दर्दनाक हादसा,6 पुलिस जवानों सहित 7 की मौत
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में आज सुबह दर्दनाक हादसा हो गया है। दरअसल, चुराह उपमंडल के तीसा बैरागढ़ मार्ग पर तरवाई पुल के पास पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर गाड़ी पर आ गिरा, जिसके कारण एक गाड़ी गहरे नाले में जा गिरी। इस हादसे में 1RBN के 6 जवानों सहित 7 की मौत हो गई जबकि4 गंभीर है। इस टाटा सूमो में पुलिस के 9 जवानों सहित 11 लोग सवार थे , जिन में से 5 जवानों सहित छह लोगों की मौत हो गई है और 4 जवान घायल बताए जा रहे हैं। तीन घायलों को मेडिकल कालेज चंबा रैफर किया गया है। एक सिविल अस्पताल तीसा में उपचाराधीन है। ये पुलिस कर्मचारी अपनी ड्यूटी के लिए मंगली व बैरा गढ़ चौकी से सनवाल ब्रुइला की तरफ जा रहे थे।
मृतकों की पहचान
- सब इंस्पेक्टर राकेश गोरा पुत्र जयचंद निवासी नूरपुर, कांगड़ा।
- हेड कांस्टेबल प्रवीण टंडन पुत्र तिलक राज निवासी बाथड़ी डलहौजी चंबा।
- कांस्टेबल कमलजीत पुत्र अर्जन सिंह निवासी खब्बल जवाली कांगड़ा।
- ,कांस्टेबल सचिन पुत्र मोहिंद्र सिंह राणा निवासी सूरजपुर देहरा कांगड़ा।
- कांस्टेबल अभिषेक पुत्र मदन लाल निवासी खेरियां जवाली कांगड़ा।
- .कांस्टेबल लक्ष्य कुमार पुत्र पवन मोंगरा निवासी इच्छी कांगड़ा
- गाड़ी के चालक चंदु राम पुत्र जय दयाल निवासी मंगली चुराह चंबा
इसके अलावा कांस्टेबल सचिन पुत्र परस राम निवासी पालमपुर, हेड कांस्टेबल राजेंद्र कुमार पुत्र चमन सिंह निवासी चंबा,
कांस्टेबल अक्षय चौधरी पुत्र राजेश कुमार निवासी बैजनाथ कांगड़ा के अलावा पंकज कुमार पुत्र जन्म सिंह निवासी मंगली चुराह चंबा घायल है।
पीडब्ल्यूडी एक्सईएन पर पर को एफआईआर की मांग
विधायक हंसराज ने कहा कि चंबा हादसे में इसमें पूरी तरह से सरकार एवं पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने कहा कि हमने सरकार से लगातार गुहार लगाकर इस मार्ग को बंद करवाया था, पर सरकार ने इस मार्ग को फिर खोल दिया था, इसकी जानकारी भी हमने सरकार को पहले कर दी थी पर सरकार मौन रही। पहाड़ लगातार गिर रहा था, जनता देख रही थी पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी मांग करती है कि सरकारी अधिकारी जोगिंदर शर्मा, पीडब्ल्यूडी में कार्यरत पर तुरंत एफआईआर होनी चाहिए क्योंकि उनकी लापरवाही से ही इतना बड़ा हादसा आज चंबा में हुआ है।सरकार की लापरवाही लगातार पूरे प्रदेश में दिख रही है और अगर इस प्रकार की लापरवाही पर अंकुश नहीं लगा हिमाचल की जनता पर हमेशा खतरा बना रहेगा।इस हादसे को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच समिति भी बैठानी चाहिए और सरकार को जनता के साने अपना पक्ष रखना चाहिए।