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पोस्टमार्टम के बाद शव को श्मशान घाट ले जाने के बजाए लाना पड़ा अस्पताल
ऊना। आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक व्यक्ति के शव को श्मशान घाट ले जाने के बजाय दोबारा रीजनल अस्पताल ऊना ( Regional Hospital Una) लाना पड़ा। जिला परिषद का चुनाव लड़ चुके ग्राम पंचायत अप्पर देहलां निवासी मंजीत के शव का 2 घंटे पूर्व इसी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया था और अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंपा गया था। इतना ही नहीं घटना के संबंध में सड़क हादसे का मामला दर्ज करते हैं पुलिस ने जांच भी शुरू की थी। जब शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाने की तैयारी की जा रही थी तभी परिजनों ने मनजीत की मौत पर संदेह जताते हुए हत्या का अंदेशा जताया और पुलिस( Police) को मामले की सूचना दी। इसके बाद मामला और भी तनावपूर्ण हो गया।
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संतोषगढ़ के पूर्व पार्षद रवि बस्सी ने बताया कि मंजीत पाल सोमवार देर शाम अपने ही गांव में चंडीगढ़ -धर्मशाला नेशनल हाईवे ( Chandigarh-Dharamshala National Highway)के किनारे बेसुध हालत में मिला था। स्थानीय लोगों की मदद से जब मंजीत पाल को रीजनल अस्पताल ऊना पहुंचाया गया तो उसे वहां पर मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने घटना के संबंध में सड़क हादसे का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी थी। लेकिन उसके साथी ने पैसों का लेन देन और मंजीत की हत्या ( murder)होने आशंका जताआ और पुलिस के साथ कुछ अहम जानकारियां भी साझा की।
डीएसपी रमाकांत ठाकुर ने बताया कि मंजीत के परिजनों ने हत्या किए जाने का संदेह जताया है। जिसके चलते पुलिस ने शव को दोबारा कब्जे में लेकर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस द्वारा मामले की जांच को नए सिरे से शुरू किया गया है। मृतक के पोस्टमार्टम को अब बोर्ड ऑफ डॉक्टर द्वारा करवाया जाएगा। घटनास्थल की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब की टीम को भी बुलाया गया है।