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बोले अजय महाजन- किसानों की आय दोगुनी तो दूर, लागत भी नहीं निकल रहा
Last Updated on August 24, 2021 by Sintu Kumar
नूरपुर। बीजेपी सरकार (BJP Government) के कार्यकाल में किसानों की आय दुगनी होना तो दूर की बात है। उन्हें मंडियों में अपनी फसल की लागत भी नहीं मिल पा रही है। बीजेपी सरकार किसानों (Farmer) और सब्जी उत्पादकों के हितों की रक्षा करने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है। सरकार फलों व फसलों की तर्ज पर सब्जियों का भी न्यूतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करे। किसानों को हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए आर्थिक पैकेज देकर राहत प्रदान करे। यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व विधायक अजय महाजन (Ajay Mahajan) ने कही।
मंडियों में औने-पौने दाम में बेच रहे सब्जी
उन्होंने कहा कि बीते साल के मुकबले के मुकाबले डीजल, पेट्रोल, खाद, बीज और कीटनाशक दवाइयों के दामों में कई गुणा वृद्धि हो चुकी है, लेकिन किसानों द्वारा महंगाई की मार सहकर तैयार की गई सब्जियों के मंडियों में ओने पौने दामों में मिल रहे हैं। जिससे लागत तो दूर की बात है। उन्हें सब्जी मंडी तक अपने माल को लाने का भाड़ा भी निकल नहीं रहा है।
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किसानों को उठान पड़ रहा नुकसान
अजय महाजन ने कहा कि नूरपुर और आसपास के क्षेत्रों में इस वक्त खीरा, करेला , भिंडी , रामातोरी , लोकी आदि अनेक सब्जियों का प्रचुर मात्रा में उत्पादन हो रहा है, लेकिन सरकार की नालायकी के चलते मंडी में खीरा पचास पैसे से लेकर तीन रुपए, जबकि अन्य सब्जियां नाममात्र भाव मे बिक रही हैं। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ओलावृष्टि के कारण फसल बुरी तरह तबाह
महाजन ने कहा कि इस विषय पर सरकार को तुरंत संज्ञान लेते हुए उचित हल निकालना चाहिए। महाजन ने कहा कि पिछले वर्ष उपमण्डल नूरपुर के विभिन्न क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं और आम की फसल बुरी तरह तबाह हुई थी। सरकार ने किसानों को मूर्ख बनाते हुए नुकसान का आकलन भी करवाया था। स्थानीय विधायक व सरकार में वन एवम खेल मंत्री राकेश पठानियाँ ने किसानों के हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने का वायदा किया था, लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बाद भी किसानों को आजतक एक पैसा भी राहत के नाम पर नहीं मिला। इससे पता चलता है कि नूरपुर के विधायक और बीजेपी सरकार किसानों की कितनी हितैषी है। महाजन ने सरकार से मांग की है कि सब्जी उत्पादकों के हितों को देखते हुए सरकार को फलों व फसलों की तर्ज पर सब्जियों का भी न्यूतम समर्थन मूल्य तय करना चाहिए।