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हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा कहीं बीजेपी का चुनावी जुमला ना हो साबित: अलका लांबा
रेणुका जी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता अल्का लांबा (Alka Lamba) ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा (ST Status for Hati Community) देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर हिमाचल में चुनावी आचार संहिता लगने से पहले कानून पारित करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के बारे में केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत करती है, लेकिन जिस तरह से चुनावों के ऐन वक्त पर यह फैसला लिया हैए उससे इसके जुमला साबित होने की आंशका है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नियत में खोट है, हिमाचल में जयराम सरकार (Jai Ram Govt) पांच सालों से हैं और दिल्ली में भी आठ सालों से मोदी सरकार (Modi Govt) है। अगर बीजेपी सही मायने में हाटी समुदाय की हितैषी होती हो वह कब का यह फैसला ले लेती। मोदी सरकार को हाल में हुए मानसून सत्र में इस फैसले को पास करवाना चाहिए था। लेकिन बीजेपी की नियत में खोट है, इसलिए वह चुनावों के वक्त कैबिनेट (Cabinet) में यह अधूरा फैसला लेती है।
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अल्का लांबा ने कहा कि कांग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार (Virbhadra Singh government) ने भी इस संबंध में प्रस्ताव केंद्र में भेजा था लेकिन यूपीए में कांग्रेस का पूर्ण बहुमत न होने की वजह से इसे सिरे नहीं चढाया जा सका। अल्का लांबा ने हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने पर अनुसूचित जाति के लोगों की चिंताओं को भी दूर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि केंद्र सरकार कांगड़ा के बड़ा भंगालए कुल्लू के मलाणाए शिमला जिला के डोडरा क्वार और चौपाल के लोगों की एसटी दर्जा देने की मांग पर फैसला लेती। लेकिन मोदी सरकार ने ऐसा नहीं किया।
रेणुका बांध प्रभावितों को चार गुणा मुआवजा देगी कांग्रेस
अल्का लांबा ने जयराम सरकार पर रेणुका बांध परियोजना के प्रभावितों के साथ अन्याय करने के आरोप भी लगाए। जयराम सरकार ने सर्कल रेट गिराए ताकि अन्य परियोजनाओं के प्रभावितों की तरह रेणुका बांध परियोजना के प्रभावितों को भी इस मुआवजे से वंचित रखा जाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सता में आते ही प्रभावितों को भू अधिग्रहण कानून के तहत निर्धारित चार गुणा मुअवजा सुनिश्चित करेगी।
रेणुका जी से भेदभाव कर रही सरकार
अल्का लांबा ने कहा कि जयराम सरकार रेणुका जी इलाके के लोगों से भेदभाव कर रही है। इसका एक उदाहरण कई सालों से लटकी भटोल पंचायत की सड़क है। स्थानीय कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने अपने कार्यकाल में इस सड़क को मंजूर करवाया था लेकिन जयराम सरकार ने पांच साल में इसको जानबुझकर पूरा नहीं किया।
ऊर्जा मंत्री के अधीन बिजली बोर्ड में हुए करोड़ों के घोटाले
अल्का लांबा ने कहा कि पांवटा के विधायक एवं ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Choudhary) के अधीन बिजली बोर्ड में करोड़ों के घोटाले (Scam) होने के गंभीर आरोप लगे हैं। किन्नौर के शौंगटोंग कड़छम प्रोजेक्ट में 396 करोड़ की धोखाधडी हुई है। बिजली मीटर बदलने के नाम पर घोटाला हुआ। मंत्री के गृह जिला सिरमौर में बिजली मीटर बदलने का काम एक निजी कंपनी को 2573 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से दिया गया। जबकि विद्युत मंडल हटसर में यही काम 65 रुपए प्रति मीटर के हिसाब से किया गया। बिजली बोर्ड के चीफ इंजीनियर एमके उपरेती ने 21 अक्टूबर 2020 में जीओ स्विच खरीदने के लिए 2 करोड रुपए अवार्ड एक कंपनी को किया। सामान घटिया निकला।
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