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राजस्थान में क्रूर टीचर की पिटाई से मरे छात्र के विरोध में प्रदेश में फूटा गुस्सा
Last Updated on August 16, 2022 by Vishal Rana
शिमला। राजस्थान में एक क्रूर अध्यापक ने दलित छात्र को महज इसलिए मार दिया कि उसने उसकी मटकी से पानी पी लिया था। इस घटना का हिमाचल में भी जमकर विरोध किया जा रहा है। इसके विरोध फलस्वरूप शिमला (Shimla) , नाहन और धर्मशाला में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो मोदी सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है और दूसरी तरफ महज पानी पीने के लिए दलित छात्र (Dalit Student) की निर्ममता से हत्या की जा रही है। वह किसी और ने नहीं बल्कि उसके शिक्षक ने ही। मोदी राज में जात-पात, छुआछूत, सामाजिक भेदभाव और दलितों पर अत्याचार बढ़ते ही जा रहे हैं।
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इसी के विरोध में नाहन में दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन (Protest) किया। नाहन के मुख्य बस अड्डा परिसर में करीब आधा दर्जन संगठनों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और आरोपी पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई। इस दौरान दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर के संयोजक आशीष कुमार (Ashish Kumar) ने बताया कि राजस्थान (Rajasthan) में तीसरी कक्षा के दलित छात्र द्वारा स्कूल में अध्यापक का पानी पीने पर उसकी पिटाई की गई और कुछ ही दिनों बाद छात्र की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में दोषी अध्यापक को फांसी दी जाए।
वहीं दलित शोषण मुक्ति मंच और एसएफआई (SFI) ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में जबरदस्त नारेबाजी की और आरोपी अध्यापक को फांसी की सजा मांगी। दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक जगत राम ने बताया कि 20 जुलाई 2022 को राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा के दलित छात्र इंद्र कुमार ने स्कूल के मुख्य अध्यापक की मटकी से पानी पिया तो मुख्य अध्यापक छेल सिंह ने छात्र की इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि उसकी दिमाग की नस फट गई। यह घटना बहुत ही निर्मम है। जहां मोदी सरकार एक तरफ तो आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है वहीं दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
वहीं धर्मशाला में भी राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok gehlot) सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। इसके विरोध में वाल्मीकि सभा रविदास सभा कबीर पंथी सभा बटवाल सभा अन्य पिछड़ा वर्ग वामसेफ हिमाचल प्रदेश भीम आर्मी हिमाचल प्रदेश के पदाधिकारियों व सदस्यों ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। दिलजीत (Daljeet) ने कहा कि इस तरह के कार्य समाज में ठीक नहीं है यदि इस मामले में दोषी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो समुदाय के लोग राजस्थान का रुख करेंगे और प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
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