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किसानों से स्वीकार किया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, आंदोलन खत्म करने का ऐलान
केंद्र द्वारा गुरुवार को संशोधित प्रस्ताव सौंपे जाने के बाद किसान संगठनों ने अपना साल भर से चल रहा आंदोलन स्थगित कर दिया है। इसकी घोषणा गुरुवारको सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने की। किसानों ने कहा है कि वह शनिवार को दिल्ली की सीमाएं खाली करेंगे और 15 जनवरी को बैठक करेंगे।कानून को रद्द करने के बाद, केंद्र सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसे किसानों ने स्वीकार कर लिया था। उनकी मांग के आधार पर, केंद्र ने लिखित रूप में भी ऐसा ही किया। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने टेंट हटाने शुरू कर दिए हैं। उन्हें मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हुए भी देखा गया है, जो दर्शाता है कि आंदोलन का अंत बहुत दूर नहीं है।
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किसानों की मांगों पर सरकार ने यह कहा-
सरकार ने कहा है कि एमएसपी (MSP) पर खरीद जारी रहेगी। सरकार ने एमएसपी को लेकर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें कि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को भी शामिल किया जाएगा। मुआवजे को लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने सहमति दे दी है। केस वापसी को लेकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की सरकार ने सहमति दे दी है। वहीं, दिल्ली समेत अन्य यूटी में भी दर्ज आंदोलन संबंधित मामलों को जल्द वापस लिया जाएगा।बिजली बिल पर सरकार का कहना है कि किसानों से बिना चर्चा किए बिजली बिल को संसद में पेश किया जाएगा। पराली जलाने पर सरकार का कहना है कि इस संदर्भ में किसानों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज नहीं किए जाएंगे।
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जानकारी के अनुसार, 11 दिसंबर, 2021 को बॉर्डर से निकलेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमिंहर साहिब पहुंचेगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर, 2020 में तीन कृषि कानूनों को पास किया था, जिसके खिलाफ किसान 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े हुए थे। वहीं, 19 नवंबर, 2021 को देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। जिसके चलते अब कृषि कानूनों को सरकार ने वापस ले लिया है।