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शाहपुर के बोह में एक और शव मलबे से निकाला, 9 पहुंची संख्या-अब एक बाकी
धर्मशाला। कांगड़ा जिला के शाहपुर (Shahpur) की बोह वैली की रुलेहड़ में गुरुवार दोपहर एक और शव (Dead Body) मलबे से निकाला गया है। इससे पहले आठ शव निकाले जा चुके थे। दो लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका थी। जिनकी तलाश में एनडीआरएफ (NDRF) व गृहरक्षकों की टीम जुटी हुई थी। गुरुवार दोपहर को मिले एक अन्य शव के बाद अब एक ही व्यक्ति का शव मलबे में दबा शेष रह गया है। जिला प्रशासन की और से राहत व बचाव कार्य जारी हैं।
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आज मिले शव की पहचान सुभाष चंद (75) के रूप में हुई है। जबकि अब सिर्फ एक ही शव नीरज कुमार (18) का मलबे में शेष बचा है। जिसकी खोजबीन जारी है। उसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग रहा है, लेकिन राहत बचाव कार्य में जुटी टीम लगातार काम कर रही है। बता दें कि सोमवार को आई प्राकृतिक आपदा से हुए भारी भूस्खलन (Landslide) में आए मलबे में कई मकान ध्वस्त हो गए थे। मलबे में करीब 15 लोग दब गए थे। जिनमें से पांच को सुरक्षित निकाल लिया गया। इनका टांडा अस्पताल व पीजीआइ (PGI) चंडीगढ़ में उपचार चल रहा है। वहीं अब तक आठ मृतकों के शव निकाले जा चुके थे। एक और शव दोपहर को निकाल लेने के बाद अब मलबे में एक ही शव बचा है। जिसकी तलाश जारी है।
रुलेहड़ की बराहल खड्ड किनारे एक साथ जली 5 चिताएं
वहीं घर ना होने के चलते मलबे से निकाले शवों को पोस्टमार्टम के बाद सीधा श्मशानघाट ही ले जाया गया। कुछ लोगों को जहां जगह मिली वहीं पर रिति रिवाज निभाए गए और फिर शवों को अंतिम यात्रा के लिए ले जाया गया। इस दौरान पूरा गांव खाली हो गया, गांव का हर व्यक्ति सड़कों पर उतर आया। रुलेहड़ गांव की बराहल खड्ड किनारे एक साथ कई चिताएं जलाई गईं। जिसमें शिवप्रसाद, कंचना देवी, भीमसेन, उसकी बेटी लांबी उर्फ ममता देवी व बेटे कार्तिक का अंतिम संस्कार किया गया। शिवप्रसाद के करीब अढ़ाई वर्षीय बेटे अनु से अंतिम संस्कार की विधि करवाई गई। कंचना देवी को बेटे विनीत कुमार, भीमसेन, उनकी बेटी ममता व बेटे कार्तिक को भीमसेन के भाई के बेटे सूरज ने मुखाग्नि दी।
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