-
Advertisement
शिमला में बागवानों ने समस्याओं पर किया मंथन, बड़े आंदोलन की बनाई रणनीति
शिमला। हिमाचल के सेब बागवान (Apple Growers) सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। हिमाचल सेब उत्पादक संघ अन्य किसान संगठनों को संगठित करके सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीती तैयार करने में जुट गया है। इसी कड़ी में सोमवार को शिमला (Shimla) में हिमाचल, कश्मीर, केरल के पूर्व विधायकों व विशेषज्ञों ने सेब बागवानी की चुनोतियों पर विचार सांझा किए और भविष्य में बागवानी बचाने के लिए आन्दोलन की रणनीती तैयार की। शिमला के रोटरी टाउन हॉल में सेब उत्पादकों ने सेब बागवानी को आगे ले जाने के लिए मंत्रणा की। ठियोग से सीपीआईएम विधायक व बागवान नेता राकेश सिंघा (Rakesh Singha) ने कहा कि जम्मू कश्मीर सबसे बड़ा सेब उत्पादक हैं। हिमाचल में बागवानी को आगे बढ़ाने के लिए जो शोध व कार्य किए जाने चाहिए थे वह नहीं हो पाये हैं। सरकार बागवानो को उनकी दशा पर छोड़ देती हैं। सरकार ने बागवानों के सामने आ रही चुनोतियों का आंकलन आज तक नहीं किया।
यह भी पढ़ें: टांडा मेडिकल कॉलेज ने मेधावी दिव्यांग छात्रा को एमबीबीएस में प्रवेश देने से किया इनकार
लेखकों और वैज्ञानिकों ने इस पर शोध व लेख लिखें हैं जिसके माध्यम से सेब की खेती में आ रही चुनौतीयों को समझने की कोशिश की हैं। भविष्य में किसान संगठनों को साथ लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। एपल फेडरेशन ऑफ इंडिया के सोमवार को शिमला में संपन्न सम्मेलन में अगले साल 6 मार्च को दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना (Protest in Jantar Mantar) देने का निर्णय लिया गया। इससे पहले पहले 10 जनवरी को हिमाचल में ब्लॉक लेवल पर सेब बागवान प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान सेब की बागवानी पर आए संकट को केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: सेवानिवृत्त फौजी से 14 लाख रुपए की ठगी, धोखाधड़ी का मामला दर्ज
वही कश्मीर से आए पुर्व विधायक रहें मोहम्मद यूसुफ बताते हैं कि सेब उत्पादक राज्यों के सामने आज कई बड़ी चुनौतियां है। सरकार बागवानो की मांगों को अनदेखा कर रही है। बागवान लागत से भी कम कमा पाता हैं। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के अनुसार ही बागवानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसान कर्ज के बोझ में दबे है। एक तरफ सरकारी पैसा ना होने के बात कहती है दूसरी तरफ पूंजीपतियों के लाखों करोड़ कर्ज माफ किए गए हैं। सेब उत्पादक राज्यों को आज एकजुट होकर हक़ के लिए आवाज़ उठाने की जरूरत हैं।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group