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दिवाली से पहले चंडीगढ़ के बाद #Haryana में भी लगाया गया पटाखों पर बैन
Last Updated on November 7, 2020 by
चंडीगढ़। राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और ओड़ीशा के बाद अब चंडीगढ़ (Chandigarh) और हरियाणा (Haryana) में भी इस बार दिवाली (Diwali) पर आतिशबाज़ी देखने को नहीं मिलेगी। दरअसल कोरोना और लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते इन दोनों जगहों पर सरकार ने दीवाली पर पटाखों (Firecrackers) की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है। वहीं, यदि कोई इन सरकारी आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उस पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
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हरियाणा में पटाखों पर बैन (Ban) का ऐलान करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। प्रदेश के आठ शहरों में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है, जिससे महामारी के फैलने का खतरा और बढ़ गया है। खराब एयर क्वालिटी का लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। खासतौर पर तब, जब कोरोना वायरस फेफड़ों पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि खराब एयर क्वालिटी से उन लोगों को खतरा और बढ़ जाता है जो पहले से ही विभिन्न बीमारियों से पीडि़त हैं। कोरोना वायरस श्वसन तंत्र पर सीधा असर डालता है।
सनातन धर्म के त्योहारों में ही प्रशासन को प्रदूषण की चिंता क्यों सताने लगी
वहीं, चंडीगढ़ में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाने के फैसले पर पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राईसिटी के अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी शशिशंकर तिवारी ने अपने विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के त्योहारों में ही प्रशासन को प्रदूषण की चिंता क्यों सताने लगी है। दीवाली (Diwali) हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं। प्रशासन को पटाखे चलाने से प्रदूषण तो दिखता है, लेकिन यह नहीं दिखता है कि इस इंडस्ट्री से जुड़े हजारों लोग का रोजगार इसी धंधे से जुड़ा हुआ है, जो सालभर दीपावली का इंतजार करते हैं। दुकानदारों से अपनी दुकानों में पटाखों का स्टॉक रख लिया है, ऐसे में अब प्रशासन ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। दुकानदारों के इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा।