-
Advertisement
वसंत पंचमी पर आज इस तरह से करें मां सरस्वती की पूजा, तीन शुभ योगों का बन रहा संयोग
सनातन धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। यह पंचमी तिथि ज्ञान और बुद्धि की देवी मां सरस्वती (Maa Saraswati) को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की विधि अनुसार पूजा करने से ज्ञान बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है। वहीं, वाणी में भी मधुरता आती है। मां सरस्वती की आराधना करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता मिलती है। सरस्वती पूजा पर छात्रों (Students) को विशेष रुप से मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। वसंत पंचमी की तिथि 5 फरवरी, शनिवार को सुबह 3:47 से प्रारंभ होगी और 6 फरवरी, रविवार को सुबह 3:46 पर समाप्त हो जाएगी।
यह भी पढ़ें: बसंत पंचमी के दिन कर सकते हैं ये काम, पूजा में रखें इन बातों का खास ध्यान
ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा
मां सरस्वती की पूजा (Prayer) के लिए मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर, पीले रंग की साड़ी, चौकी, पीला वस्त्र, सफेद चंदन, पीली रोली, पीला गुलाल, गेंदे का फूल या अन्य पीले फूल, बेसन के लड्डू, मोतीचूर के लड्डू, सफेद बर्फी, खीर या मालपुआ, गंगाजल (Gangajal), धूप, दीपक, अक्षत, कपूर, अगरबत्ती, आम का पत्ता, गाय का घी, लौटा, सुपारी, गणेश जी की मूर्ति, दुर्वा, तुलसी पत्ता, रक्षा सूत्र, पान का पत्ता और हल्दी इकट्ठा कर लें। वसंत पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान करने के बाद सफेद या पीले वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद मां सरस्वती के सामने व्रत करने का संकल्प लें।
अब मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। हिंदू धर्म (Hindu Religion) शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है तो मां सरस्वती के साथ उनकी मूर्ति या तस्वीर भी स्थापित करें। इसके पश्चात मां सरस्वती और भगवान गणेश को धूप, दीप, फूल, अक्षत व गंध आदि अर्पित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। इसके बाद उन्हें सफेद चंदन, पीले रंग की रोली, पीले फूल, अक्षत, पीला गुलाल, धूप, दीप व गंध अर्पित करें। इस दिन मां सरस्वती को बेसन के लड्डू, खीर या पीले रंग की कोई भी मिठाई (Sweets) का भोग लगाएं। इसके बाद सरस्वती वंदना और मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। इस दिन सरस्वती कवच का भी पाठ किया जाता है। इसके बाद हवन करवाएं और अंत में आरती करें।
मां को प्रसन्न करने को चढ़ाएं ये
सरस्वती पूजा पर मां शारदा (Maa Sharda) को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान उन्हें पीले रंग की चीजें जैसे वस्त्र, मिठाई व फूल आदि जरूर अर्पित करें। इसके साथ उन्हें सफेद रंग के फूल, पुस्तक, कलम और पीले रंग का चंदन भी चढ़ाएं।
बसंत ऋतु का आगमन
वर्ष 2022 में वसंत पंचमी (Basant Panchami) यानी सरस्वती पूजा पर तीन शुभ योगों का संगम हो रहा हैए जिसकी वजह से यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जा रही है। इस दिन सिद्ध, साध्य और रवि योग का संगम हो रहा है जो शुभ कार्य प्रारंभ करने के लिए उत्तम है। वसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है और वातावरण में कई बदलाव आते हैं। इस दिन से वातावरण बहुत खुशहाल हो जाता है और ठंड कम होने लगती है। मान्यताओं के अनुसार, भक्तों को वसंत पंचमी पर कुछ विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए। चमत्कारी उपाय करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा दृष्टि भक्तों पर बनी रहती है।
इस मंत्र का करें उचारण
वसंत पंचमी पर सुबह स्नान करने के बाद श्ऊँ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यैरू नमःश् मंत्र का 108 बार तुलसी की माला से जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से विद्या और बुद्धि की प्राप्ति होती है। सरस्वती पूजा पर पीला रंग बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र, फल, फूल और मिठाई अर्पित किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां सरस्वती को पीला रंग बहुत पसंद है। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और उनकी पीली किरणें धरती पर पड़ती हैं। इसके साथ सरसों की फसल की वजह से धरती पीले रंग में रंग जाती है। पीला रंग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है, क्योंकि यह दिमाग को एक्टिव रखता है और तनाव दूर करता है।
नए कार्य और विवाह के लिए यह दिन शुभ
बसंत पंचमी का दिन नए और शुभ कार्यों की शुरुआत करने के लिए लाभदायक माना गया है। यह दिन गृह प्रवेश, नामकरण, मकान, वाहन, प्लॉट और फ्लैट आदि की खरीदारी और निवेश करने के लिए उत्तम माना गया है। बसंत पंचमी का पर्व विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसारए, बसंत पंचमी पर विवाह करने वाला जोड़ा जन्म.जन्मांतर तक एक दूसरे के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत करता है। इस वर्ष बसंत पंचमी पर बुधादित्य योग बन रहा है जो विवाह के लिए बेहद शुभ माना जा रहा है।