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इस व्रत को रखने से मिलेगा रोजगार, सुख-संपत्ति समेत होंगे कई लाभ
हमारे देश में कई धर्म हैं और हर धर्म के अपने-अपने रीति-रिवाज हैं। बात अगर करें हिंदू धर्म की तो हिंदू धर्म (Hindu Religion) में कई तरह के व्रत रखे जाते हैं। सनातन परंपरा में धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष आदि की मनोकामना को पूरा करने के लिए तमाम तरह के व्रत बताए गए हैं। आज हम आपको बताएंगे कि हफ्ते के किस दिन व्रत करने से कौन सी मनोकामना पूरी होती है।
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गौरतलब है कि हमारे देश में व्रत (Fast) करने की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है। हमारे तमाम ऋषि और संत उपवास करके अलौकिक शक्तियां हासिल करते थे। वहीं, वर्तमान में भी देवी-देवताओं से जुड़ा व्रत हमारे कई तरह के दुख-दर्द और दुर्भाग्य को दूर करके सुख-समृद्धि और सौभाग्य को दिलाने का बड़ा माध्यम माना जाता है।
सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्र देवता की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव का व्रत करने से अखंड सौभाग्य और संतान सुख के साथ सुख-समृद्धि की कामना पूरी होती है। मंगलवार का दिन भगवान हनुमान के लिए समर्पित है। मंगलवार के दिन संकट मोचन हनुमान का व्रत पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन से जुड़ी सारी बाधाएं दूर होती हैं और बल-बुद्धि, विद्या समेत सभी सुख हासिल होते हैं।
बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की आराधना के लिए सुनिश्चित है। बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश और बुध ग्रह के लिए व्रत रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ, लाभ, सौभाग्य और करियर व कारोबार में तरक्की मिलती है। वहीं, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की आराधना के लिए सुनिश्चित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने पर साधक को जीवन में मान-सम्मान, सुख-संपत्ति और वैभव हासिल होता है। ऐसे में सुख और सौभाग्य की कामना करने वाले लोगों को गुरुवार का व्रत रखना चाहिए।
शुक्रवार का दिन देवी कृपा और शुक्र ग्रह की शुभता को पाने के लिए खासतौर पर व्रत किया जाता है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन व्रत करने से घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और दांपत्य जीवन भी सुखमय बना रहता है। मान्यता है कि शुक्रवार के दिन व्रत करने से बेटे की उम्र बढ़ती है। शनिवार का दिन शनिदेव की साधना के लिए समर्पित है। अगर किसी की कुंडली में शनि देव अशुभ फल दे रहे तो उस व्यक्ति को विधि-विधान के साथ शनिवार के दिन व्रत करना चाहिए। वहीं, रविवार का दिन प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्यदेव की साधना के लिए समर्पित है। रविवार के दिन विधि-विधान के साथ व्रत करने से सौभाग्य और आरोग्य का विशेष आशीर्वाद हासिल होता है।
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