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Vimal Negi Death Case में बीजेपी ने मांगी सीबीआई जांच, राज्यपाल शुक्ल को सौंपा ज्ञापन
Vimal Negi Death Case: हिमाचल में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौ#त मामले की जांच सीबीआई ( CBI)से कराने को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और बीजेपी अध्यक्ष राजीव बिंदल के नेतृत्व में बीजेपी विधायक दल ने राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल (Governor Shiv Pratap Shukla) से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा । बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मांग की है कि एक आईएएस अधिकारी की दूसरा आईएएस अधिकारी जांच कैसे कर सकता है, जहां एफआईआर में विभाग के एमडी पर केस हुआ है, उनमें अधिकारी को नामजद करना चाहिए था। अब तो एमडी (MD)बदल गया है तो केस तो पद के खिलाफ बना जो कि गलत है। बीजेपी ने राज्यपाल के समक्ष सीबीआई जांच (CBI investigation)की मांग भी रखी।
परिजनों ने लगाए गंभीर आऱोप
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी पिछले कई दिनों से लापता थे, परिवार द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई और ना ही उनका पता चल पाया। 18 मार्च, 2025 को नेगी का शव गोविन्दसागर झील से बरामद हुआ। 19 मार्च, 2025 को एचपीपीसीएल के अधिकारियों, कर्मचारियों और विमल नेगी के परिजनों ने एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक देश राज को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि उक्त अधिकारी विमल नेगी को गलत काम करने के लिए दबाव डालते थे जिसके कारण विमल नेगी मानसिक दबाव में रहते थे। इसलिए इन अधिकारियों को तुरन्त निलंबित कर उन पर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए तथा पूरी घटना की जांच सीबीआई से होनी चाहिए।
निष्पक्ष जांच पर प्रश्न चिन्ह
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने एचपीपीसीएल के निदेशक को तो निलंबित कर दिया, परन्तु प्रबन्ध निदेशक को निलंबित करने की जगह सिर्फ पद से ही हटाया। उसके बावजूद जब परिजन माने नहीं तब जाकर एफआईआर दर्ज की तत्-पश्चात विमल नेगी के परिजन उनका शव दाह संस्कार के लिए अपने पैतृक गांव किन्नौर ले गए। एफआईआर में केवल एक ही अधिकारी का नाम है, दूसरे अधिकारी का नहीं है सिर्फ उनके पद का जिक्र किया गया है जबकि उस अधिकारी को एफआईआर दर्ज करने के समय से पहले उस पद से हटा दिए गए था ।सरकार ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जांच का जिम्मा दिया है। जिस घटना में आईएएस अधिकारी की संलिप्तता हो, उस घटना की जांच अगर दूसरा आईएएस अधिकारी करेगा तो निष्पक्ष जांच पर प्रश्न चिन्ह लगेगा है। इसलिए बीजेपी विधायक दल की मांग है कि इस घटना की एफआईआर में दूसरे अधिकारी का भी नाम शामिल किया जाए। इस घटना की और दो वर्ष में एचपीपीसीएल की गतिविधियों की जांच सीबीआईसे करवाई जाए।
संजू चौधरी