-
Advertisement
शीतक़ालीन सत्र के अंतिम दिन बीजेपी का सदन से वॉकआउट
धर्मशाला। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज आखिरी दिन है। विपक्ष ने पहले सदन में काफी देर तक नारेबाजी की और फिर वॉकआउट कर दिया। बीजेपी विधायकों का कहना है कि सदन में विपक्ष को बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा, जिस पर विपक्ष से सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए। विपक्ष का कहना था कि चर्चा में भाग लेने के लिए सत्ता पक्ष के 4 और विपक्ष के 3 विधायकों के नाम तय हुए थे। मगर बाद में सत्ता पक्ष के और सदस्य के नाम भी इसमें शामिल किए गए।
यह भी पढ़ें:एक माह बाद सुक्खू को मिलेगी कैबिनेट टीम, दिल्ली से लौटते ही करेंगे खुलासा
इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि यह अधिकार आसन का है। उनका उपयोग करते हुए पहली बार सदन में चुनकर आए सदस्य को बोलने का अवसर दिया गया है। इससे नाराज विपक्ष सदन से बाहर चला गया।BJP ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ ऑर्लेकर के अभिभाषण को दिशाहीन करार दिया। वहीं सत्तापक्ष के विधायक अपनी सरकार का बचाव करते रहे। इससे पहले सरकारी दफ्तर डिनोटिफाई करने पर भी सदन में खूब गहमागहमी हुई।
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार प्रदेश हित में हर वो काम करेगी, जो जरूरी होगी। उन्होंने सरकार द्वारा लगभग 900 संस्थानों को डिनोटिफाई करने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने पूछा कि ऐसी क्या जरूरत पड़ी की आखिरी साल में सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में संस्थान खोल दिए।
विपिन सिंह परमार ने पूर्व सरकार के कार्यकाल में खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई करने पर सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को सदन और सड़क पर उठाएगी। सुंदरनगर के डैहर में 1952 में खुली 70 साल पुरानी पुलिस चौकी को बंद करने पर भी हैरानी जताते हुए अधिकारियों को सरकार को सही सूचनाएं देने की सलाह दी। धर्मपुर से विधायक चंद्रशेखर ने बागवानी मिशन और जल जीवन मिशन में पूर्व सरकार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इनकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि कहा जब लोग अराजक हो जाते हैं तो एक चंद्रशेखर पैदा होता है। साथ ही उन्होंने कोरोना काल में जल शक्ति विभाग में गाड़ियों की मूवमेंट की भी जांच की मांग की ।
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group