एसबीआई और एक्सिस बैंक के ग्राहकों को झटका, कर्ज लेना हुआ महंगा

दोनों बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में की 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी

एसबीआई और एक्सिस बैंक के ग्राहकों को झटका, कर्ज लेना हुआ महंगा

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एसबीआई (SBI) और एक्सिस बैंक के दोनों ग्राहकों को झटका लगा है। दोनों ही बैंकों (Banks) ने लोन को महंगा कर दिया। एक तरह जहां एसबीआई ने सोमवार को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (Marginal Cost Of Lending Rate) में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है। एमसीएलआर (MCLR) में बढ़ोतरी से एसबीआई बैंक के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन महंगे हो जाएंगे। ग्राहकों की ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी।


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नई दरें 15 अप्रैल से लागू हो गई हैं। वहीं दूसरी तरह एक्सिस बैंक ( Axis Bank ) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। बढ़ी हुई दरें 18 अप्रैल से लागू होंगी। इन घोषणाओं से दोनों ही बैंकों के ग्राहकों का आर्थिक बजट बिगड़ने वाला है। आपको बता दें कि बैंकों के एमसीएलआर में उसकी फंड की लागत दी होती है, जिसे बैंक हर महीने घोषित करते हैं। कोई भी बैंक एमसीएलआर पर उधार देता है, लेकिन इससे कम पर बैंक उधार नहीं दे सकता है। होम लोन की ब्याज दरें या तो एमसीएलआर के बराबर होंगी या उससे ज्यादा होंगी।

एमसीएलआर बढ़ने से क्या होगा

एमसीएलआर बढ़ने से आम आदमी को नुकसान होता है। उसका मौजूदा लोन (Loan) महंगा हो जाता है और पहले की तुलना में ज्यादा ईएमआई देनी पड़ती है। जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को बेस रेट (Base Rate) कहा जाता है। बेस रेट से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी बेस रेट की जगह पर अब बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी गणना धनराशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है।

एसबीआई की वेबसाइट (SBI WebSite) के मुताबिक, ग्राहकों के लिए एक रात की अवधि से लेकर 3 महीने तक वाले मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट के लिए 6.65 फीसदी के बजाए 6.75 फीसदी रेट होगा। वहीं, 6 महीने के लिए 6.95 फीसदी के बजाए 7.05 फीसदी, एक साल का एमसीएलआर बढ़कर 7.10 फीसदी हो गया। वहीं, दो साल के लिए 7.30 फीसदी और तीन साल के लिए 7.40 फीसदी एमसीएलआर होगा।

लगातार 11वीं बार नहीं बदला रेपो रेट

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर चिंता जताई थी और महंगाई का टारगेट बढ़ा दिया। रिजर्व बैंक ने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन (Geo-Political Tension) की वजह से दुनियाभर में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।

इससे पहले, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) ने भी एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की थी। 12 अप्रैल, 2022 से बेंचमार्क एक साल की अवधि एमएलसीआर अब 7.35 फीसदी है। इसके अलावा आपको बता दें कि एक्सिस बैंक ने हाल ही में कई तरह के सेविंग्स अकाउंट (Savings Account) के लिए न्यूनतम बैलेंस की जरूरतों को बढ़ा दिया है। मुफ्त कैश ट्रांजेक्शन की सीमा को 2 लाख रुपए से घटाकर 1.5 लाख रुपए प्रति महीना कर दिया गया है। ये चार्ज 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो गए हैं। इजी सेविंग्स और मेट्रो, शहरी इलाकों में समान प्रोग्राम के लिए न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) की जरूरत को 10000 रुपए से बढ़ाकर 12000 रुपए कर दिया गया है।

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