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समुद्र में 22 किमी बहता रहा बच्चा; आखिर में ‘भगवान गणेश’ ने बचा लिया
सूरत। समुद्र के ज्वार में अचानक डूबे गोडादरा 14 वर्षीय लखन को लोगों ने मृत मान लिया था। लखन अपने छोटे भाई के साथ टहलने के लिए शुक्रवार को डूम्मस के समुद्र तट (Beach) पर गया था। तभी अचानक आए ज्वार में लखन बहने लगा। छोटे भाई को लोगों ने बचा लिया, लेकिन लखन का कोई पता नहीं चला। सूरत पुलिस (Surat Police) के साथ-साथ अग्निशमन विभाग और स्थानीय तैराकों ने उसे ढूंढने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन वे असफल रहे। अगले दिन शनिवार को लखन के परिजनों को बेटे के शव का इंतजार था, ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें।
फिर जो हुआ…सिर्फ चमत्कार ही है
लेकिन 24 घंटे बाद अचानक चमत्कार हुआ। परिवार को खबर मिली कि लखन जीवित (Lakhan Is Alive) है। साथ ही जानकारी मिली कि लखन देर रात नवसारी (Navsari) के धोलाई बंदर में उतरेगा। लखन के जिंदा मिलने की सूचना मिलते ही नवसारी जिला पुलिस के साथ सूरत पुलिस और अन्य एजेंसियां भी जुट गईं। नवसारी जिला पुलिस अधीक्षक के साथ एसओजी, एलसीबी समेत विभागों के अधिकारी भी धोलाई बंदरगाह पहुंचे। समुद्री मछुआरों ने लखन को समुद्र तट से 22 किमी दूर पाया था।
गणेशजी की कृपा
नवसारी के भाट गांव के एक मछुआरे ने 24 घंटे तक पानी में रहने के बावजूद लखन को बचा लिया और अपनी नाव में सुरक्षित रखकर बंदरगाह पर ले आये। मछुआरों ने बताया कि लखन एक विशाल प्लाईवुड (Plywood) को पकड़कर तैर रहा था, जिसका उपयोग भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति के आधार के रूप में किया गया था। वह गणेश मूर्ति के साथ इस प्लाइवुड पर लिपट गया था।
बच्चे को अस्पताल में कराया भर्ती
जैसे ही वह लाखन धोलाई बंदर के पास पहुंचे तो उनके पिता ने उन्हें गले लगा लिया। अन्य लोगों ने इस चमत्कार पर आश्चर्य व्यक्त किया और देवता-पूजक परिवार की खुशी में भाग लिया। सूरत में नवसारी से 22 किलोमीटर दूर समुद्र में बच्चे के जिंदा मिलने को लेकर जिला पुलिस भी सक्रिय हो गई और मरीन पुलिस ने नाव संचालक रसिक से बात की और नाव को नवसारी के धोलाई बंदरगाह पर लाने की तैयारी की। रविवारसुबह जैसे ही वह लखन धोलाई बंदरगाह पर उतरे, उसे आईसीयू एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार दिया गया और नवसारी के एक निजी अस्पताल में दाखिल करा दिया गया।