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जिंदा रहने के लिए खुद को बना दिया रोबोट, ऐसी है यह रोचक कहानी
Last Updated on March 8, 2023 by sintu kumar
पेन से लेकर टीवी और एटीएम कार्ड (ATM Card) तक सब टेक्नोलॉजी का कमाल है। आज के समय में बिना टेक्नोलॉजी (Technology) के बिना काम करना नामुमकिन है और अब इसके आदी हो चुके है ओर इसके बिना रह भी नहीं सकते। अब आप मोबाइल (Mobile) ही को ले लो। आप दिनभर कितना ही व्यस्त क्यों न हों, मोबाइल पर समय बिताना नहीं भूलते। इसके अलावा वैज्ञानिकों में रोबोट (Robot) बनाने की होड़ मची हुई है। हर कंपनी बेहतर से भी बेहतररीन रोबोट बनाने में हर कुछ कर रहीं है। अब ऐसे रोबोट के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आधा इनसान (Human) है और आधी मशीन। चैंक गए ना। हालांकि अभी भी वैज्ञानिक (Scientist) इनसानों को बनाने में समर्थ नहीं है, लेकिन उनकी कोशिश अभी भी जारी है। वैज्ञानिकों की इसी कोशिश ने रोबोमैन (Roboman) को जन्म दिया है। आज हम आपको विज्ञान के इसी अनोखे प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक ने अंजाम दिया है, इसीलिए उन्हें दुनिया का पहला रोबोमैन कहा जा रहा है।
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ब्रिटेन के वैज्ञानिक ने खुद को बना दिया रोबोट
ब्रिटेन के रहने वाले वैज्ञानिक डाक्टर पीटर स्कॉट मॉर्गन (Dr Peter Scott Morgan) ने 62 साल की उम्र में खुद को जिंदा रखने के लिए इस नायाब कोशिश को अंजाम दिया है, जिससे उन्होंने दुनिया के सामने एक अनोखी मिसाल पेश कर दी है। दरअसल डा. पीटर स्कॉट मॉर्गन को मोटर न्यूरॉन नाम की एक घातक बीमारी थी, जिसके कारण उनकी मांसपेशिया बर्बाद हो रही थीं, उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद करने लगे थे। इसके बाद उन्होंने विज्ञान (Science) का सहारा लिया और रोबोटिक्स का उपयोग करके अपने जीवन को एक नया आयाम दिया। अब डा. पीटर मशीनों की मदद से वे सभी काम आसानी से कर लेते हैं, जिन्हें कोई स्वस्थ व्यक्ति करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डा. मॉर्गन को साल 2017 में मांसपेशियों को बर्बाद करने वाली इस दुर्लभ बीमारी श्मोटर न्यूरॉनश् का पता चला था। इसके बाद 2019 में उन्होंने खुद को आधा इनसान और आधे रोबोट में ढालने का काम शुरू किया और आज वह न सिर्फ जिंदा हैं, बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल बन गए हैं।
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आई ट्रैकिंग तकनीक से करते है कंट्रोल
वह कहते हैं कि श्मैं हमेशा से ऐसा मानता रहा हूं कि जीवन में ज्ञान और तकनीक के सहारे बहुत सी खराब चीजों को बदला जा सकता है। आधा इनसान और आधे रोबोट बनने के दौरान डा. मॉर्गन ने कई ऐसी चीजें ईजाद की हैंए जो अविश्वसनीय हैं। उन्होंने ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बॉडी लैंग्वेज को बताने की तकनीकी ईजाद की है। इसके साथ ही उन्होंने आई.ट्रैकिंग तकनीक की भी खोज की हैए जो कई कम्प्यूटरों को नियंत्रित करने में सक्षम है।