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#Kangra: मंड क्षेत्र में बाढ़ से तबाही, कमेटी बनाकर की जाएगी नुकसान की भरपाई
Last Updated on March 22, 2021 by Vishal Rana
रविन्द्र चौधरी/फतेहपुर। पौंग बांध (Pong Dam) के 52 नंबर गेट से छोड़े गए पानी के कारण ब्यास दरिया में आई बाढ़ ने मंड क्षेत्र के दर्जनों गांव में तबाही मची है। लोगों की खेतों में लहलहाती फसलें तबाह हो गई हैं। किसानों की सालभर की कमाई पौंग बांध से छोड़े पानी में बह गई। पानी से हुई तबाही में सबसे ज्यादा प्रभावित मंड, बहादपुर, बड़ाला, हल्ले, राजगिरि भटोली, मलाल व भोग्रवां आदि गांव हुए हैं। वहीं, आज बाढ़ ग्रस्त प्रभावित लोगों से मिलने के लिए बीजेपी (BJP) के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार (State Vice President Kripal Parmar) रियाली पंचायत में पंहुचे। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे बीजेपी उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने बताया कि किसानों की फसलों के हुए नुकसान की तुरंत प्रभाव से भरपाई करने के लिए प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) व पंचायती राज मंत्री से बात हुई है। इसके लिए जल्द ही कमेटी बनाई जा रही है।
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स्थानीय किसानों तिरलोक, पवन, करनैल, बलविंदर, रविंदर, बिशम्बर, ओंकार, विक्रम, रणजीत, तरसेम, रशपाल, चमन कुमार, कालू, अमन दीप सिंह, अमित कुमार व सुरिंदर सिंह आदि ने बताया कि पौंग बांध से बीते दिनों को छोड़े गए पानी के कारण उनकी खेतों में गन्ने की फसल, सरसों और गेंहू की फसल तबाह हो गई है। गेहूं की फसल की 15 दिन बाद कटाई होने वाली थी। इसके अलावा पानी के कारण ट्यूबवेल (Tube Well) में लगी मोटर जल गई है। मवेशियों के लिए रखा चारा भी तबाह हो गया। उन्होंने बताया कि इस बार की करीब 600 एकड़ से अधिक की भूमि में लगी करीब 3 से 4 करोड़ की फसल तबाह हो गई। इसके साथ गांव हलेड़ में ख्वाजा पुल का एक पिल्लर पानी के बहाव के कारण धंस गया, पुल कभी धराशाई हो सकता है। पुल से रोज हजारों लोग निकलते हैं। उन्होंने पौंग बांध प्रशासन से मांग की है कि बांध से एक साथ छोड़े पानी के बजाय कम मात्रा में निरंतर पानी छोड़ा जाए, ताकि क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पैदा ना हो।